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Abhishu sharma

Fantasy Inspirational

5  

Abhishu sharma

Fantasy Inspirational

छत के रास्ते

छत के रास्ते

2 mins
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डेढ़ पहर का इंतज़ार जैसे ढाई सदियां लम्बी चली कटार हृदय के द्वार,

 खड़े इतनी लम्बी क़तार  बाद आवाज़ सुनी वो दिलकशी 

आवाज़ जिसमें बुने थे बदन छलनी करते

 औज़ारों से प्यार-भरा-जिया चीरते शब्दों के खंजर


सारी रात वो आँखों में चुभे, सवेरा हुआ तो 

आंसुओं के रास्ते एक गीत में पिरोये हुए निकले .

जैसे कोई भरी आंधी में घर के खिड़की दरवाज़े बंद कर चुपचाप सन्नाटे में

अपने हिस्से का गीत, उसका संगीत खोजता है, उसी तरह


प्यार के दरिया में उमंग -उल्लास की लहरों पर चमकते मोतियों से सजे-धजे

प्रीत के नगीनों को  ताला लगाकर 

अपने दिल के एक खली पड़े कोने के अंदर बंद कर दिया मैंने ,

कुछ दिन में खुद ही भूख-प्यास से मर जायेगा,

इस सूखे समुद्र में बिन पानी छटपटाती मछली को

 दाना तो मिलेगा पर सांसें नहीं,

साथ में मेरी सब परेशानियों की चिता भी जल जाएँगी मगर

 चिंता यह है अभी,

कोई चोर, कोई गुस्ताख़ छत के रास्ते बसंत की बौछारों में नहा के

अपने संग लाए सड़क छाप संगीत की तरंगें

मेरी आबो-हवा में बिना मेरी इजाजत के

गुड़ की मिश्री बताशे में घोलकर,

मेरे अटल -अंकुश को आडम्बर साबित करने की चेष्टा कर रहा है,

बेचारा, शर्माता-सकुचाता कोने के भी अधकोने में सिमटा सा बैठा प्यार, कलेजे में मेरे एक बार फिर,

ना जाने कब इन स्वच्छंद  -बेपरवाह तरंगों का स्नेह भरा स्पर्श पाकर

अपनी मूल-चेतना में,

प्रीत के गली -चौबारों में लौट आया है,

लौटकर गुर्राया है,  

"खबरदार! मासूम रूहों की राहत के दुश्मनों",

"मैं भी हूँ शक्तिशाली, ओजस्वी-तेजस्वी,

 नहीं यकीन तो सिर्फ एक बारी पीछे से नहीं सामने से आओ,

आज़मालो अभी अपने क्रोध, द्वेष, जलन, शोक के कुटील-नुकीले हथियारों को,

 नहीं धराशाई किया सबको एक पटखनी में तो

 मोहब्बत नाम हटा देना इतिहास -भविष्य के ख्यालों से, मन के भावों से, 

जान प्यारी है तो 


रिहा कर दो मुझे इस नाज़ुक दिल की मिथ्या दीवारों से, वरना

मरोड़कर-तोड़कर कुछ ऐसे चकनाचूर कर टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा की

कभी जोड़ नहीं पाओगे खुद को खुद से, और

अगर जोड़ भी लिया तो किसी प्रीत का स्पर्श तक समझ नहीं पाओगे

ना महसूस कुछ कर पाओगे, 

तुम्हारे लाखों करोड़ों मुमकिन भविष्यों में से सच हो सकता है ये भावी भाव तेरा,

समय से  जान लो मियाँ ये कोरी-धमकी या मिथ्या अंधभक्ति नहीं

 वास्तविकता की त्रासदी है, यथार्थ की आसक्ति है


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