नये पत्तों का बहार भी था नये पत्तों का बहार भी था
कर्म पथ जो नहीं भूलाता, जीवन मेरा भी बसंत हो जाता। कर्म पथ जो नहीं भूलाता, जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।
आभास ने फिर पंख पसारे स्वागत किया ! आभास ने फिर पंख पसारे स्वागत किया !
पतझड़ के बाद बसंत हमेशा सबके आँगन खिलते हैं ! पतझड़ के बाद बसंत हमेशा सबके आँगन खिलते हैं !
इस मौसम में दिल की धड़कन बयाँ करती तेरी नजदीकियाँ। इस मौसम में दिल की धड़कन बयाँ करती तेरी नजदीकियाँ।
जब भी कही अपनी, तो बात रखी सीधी.. मैंने ना कभी कोई, इशारों की बात की.. जब भी कही अपनी, तो बात रखी सीधी.. मैंने ना कभी कोई, इशारों की बात की..