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Sadhna Mishra

Inspirational

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Sadhna Mishra

Inspirational

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता

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अनुसुइया गार्गी अपाला देवकन्या का मान बढ़ाता,

नारी मर्यादा की खातिर दुश्मन को भी पाठ पढ़ाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


त्याग तपस्या के बल पर देवों को धरा पर लाता,

कुपथ पर कदम जो नहीं बढ़ाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


भारत पावनभूमि का शौर्य गान दिन प्रतिदिन बढ़ता,

आत्मसंयम को सफल बनाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


आदर्शों की भूल इबारत दिखावे की चादर ना गढ़ता। 

झंझावातों का तोड़ दिखावा जो प्राणी आगे बढ़ जाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


भारत का हर एक प्राणी ज्ञान भाव को उन्नत करता,

र्दुव्यवहार से दूर जो रहता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


परिभाषित कर्मों से अपने देश को विश्व पटल पर करता,

मर्यादा की ना चिता जलाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


लीन कुलीन प्रवीण बन प्राणी लोभ मोह को दूर हटाता,

दिखावे के ना जाल बिछाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


शब्द मर्यादा को हृदय में धरता,

दूर्रव्यसनी ना होकर फिरता

अस्मत को ना खेल समझता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


निरंतर नित्य नए शोध की नई इबारत जो गढ़ता,

कीर्ति पताका ऊंची करता

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


निष्काम सेवा में जीवन अपना अर्पण करता,

सद्भाव को जो नहीं भुलाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


ज्ञान साधना भक्ति मय जीवन को अपनाता,

धर्म पथ को जो नहीं भुलाता

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


जयघोष के मुखरित स्वर से देश महान बनाता,

विमुख हो मन जो अपने पथ से नहीं भटकता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


किरीट मंडित अविचल भारत का सवेरा हो जाता।

कर्म पथ जो नहीं भूलाता,

जीवन मेरा भी बसंत हो जाता।


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