मंजिल
मंजिल
हिंदुस्तान की धरती को आज बंजर पाया
हर शख्स को मंजिल के जुनून में तर-बतर पाया ।
देखने निकली थी राहें मंजिल मगर ,
हर मोड़ पर बिखरा ख्वाब ही नजर आया ।
उजाले की तलाश में गांव छोड़ आए मगर ,
मायूस शहर गांव की तलाश में नजर आया।।
हिंदुस्तान की धरती को आज बंजर पाया
हर शख्स को मंजिल के जुनून में तर-बतर पाया ।
देखने निकली थी राहें मंजिल मगर ,
हर मोड़ पर बिखरा ख्वाब ही नजर आया ।
उजाले की तलाश में गांव छोड़ आए मगर ,
मायूस शहर गांव की तलाश में नजर आया।।