मैंने खुदा को साथ रहते देखा है
मैंने खुदा को साथ रहते देखा है
न देखते हुए, न होते हुए भी उस समय,
सिर्फ़ मैंने महसूस करके देखा है,
नौ महीने तक माँ को शारीरिक कष्ट
और बाबा को मानसिक तनाव सहते देखा है,
जब आया मैं इस रंगीन दुनिया में,
उनके चेहरे पर...
एक अनमोल सा मुस्कुराहट छा जाते देखा है,
ईश्वर, अल्लाह, जीसस, वाहेगुरु,
यह सब भगवानों को..
मैंने उनके अंदर रहते देखा है,
गीता, बाईबल, कुरान, गुरुग्रंथ,
यह सब ग्रंथों को उनमें समाया हुआ देखा है,
उनके सामने मैंने दुनिया के
सब प्यार को फीका पड़ते देखा है..
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
मुझे चैन की नींद सुलाने के लिए,
मुझे चैन की नींद सुलाने के लिए,
उनको मैंने रात भर जागते देखा है,
मुझे ए. सी. में सुलाने के लिए,
उनको कड़ी तपती धूप में कमाते देखा है,
कहीं उठ ना जाऊं मैं उनके पैर लगने पर..
कहीं उठ ना जाऊं मैं उनके पैर लगने पर..
इसलिए पूरी रात उनको...
एक करवट में गुज़ारते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
जब रोता था मैं
मुझे चुप कराने के लिए..
उन्हें जोकर, कार्टून सब बनते देखा है,
चक्कर लगा सकूं मैं घर का
इसलिए मेरे लिए..
उनको हाथी , घोड़ा भी बनते देखा है,
जीत पाऊँ मैं हर खेल में उनसे,
जीत पाऊँ मैं हर खेल में उनसे,
इसलिए जान बूझ के उन्हें हार जाते देखा है,
मेरा बचपन यादगार बनाने के लिए,
उनको खुद बच्चे बनते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
बीमार होता था जब मैं..
रात भर उन्हें बिना सोए
माथे पर गीली पट्टी डालते देखा है,
मुझे हर साल नए कपड़े दिलाने के लिए,
सालों से उन्हें वही पुराने कपड़ों में देखा है,
जब कहता था मैं ले लो आप दोनों भी नए जूते..
जब कहता था मैं ले लो आप दोनों भी नए जूते..
बेटा अब तो एक साल यह और चलेंगे...
ऐसे ही झूठे बहानें बनाकर उनको
मेरे लिए हर साल नए जूते दिलाते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
मेरे चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए...
उन्हें हर दुःख कष्ट सहते देखा है,
मुझे खिला सके पनीर की सब्जी
इसलिए उन्हें सूखा रोटी तक खाते देखा है,
चाहे कितने भी टूटे क्यों न हो वह अंदर से...
चाहे कितने भी टूटे क्यों न हो वह अंदर से...
पर मेरे हर असफलताओं पर
मुझे संभालते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
चाहे खुद बिना शाल के क्यों न रहते हो,
पर मेरे लिए उन्हें स्वेटर बुनते देखा है,
चाहे खुद दूध में पानी डालकर चाय बनाते हो,
पर मेरे लिए...
मोटी दूध से उन्हें " हॉर्लिक्स " बनाते देखा है,
खुद के लिए...
एक पैसा खर्च करते नहीं देखा उन्हें कभी,
पर मेरे लिए कई एफ. डी.यां बनाते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
मेरे हर एक सफलता में
उन्हें गर्व महसूस करते देखा है,
जब जब आए विपदा मेरे ऊपर
मेरा हाथ थाम मुझे महफूज़ रखते देखा है,
दस अवतारों से तो मैं वाकिफ़ हूँ ही...
दस अवतारों से तो मैं वाकिफ़ हूँ ही...
पर उन दोनों में...
मैंने विष्णु का वह ग्यारहवां अवतार रहते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
शाम को थके, हारे, घर लौटने के बाद भी
उनके चेहरे पर मुस्कुराहट रहते देखा है,
एक बार जब गिर गया था साईकल से मैं..
एक बार जब गिर गया था साईकल से मैं..
मेरे मुंह से पहले उनके मुंह से -
आह ! निकलते देखा है,
जब बचपन में टकरा जाता था दीवार से मैं,
मेरे रोने पर उन्हें दीवार को भी मारते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
बचपन में रोज़ उन्हें...
अनगिनत बार गाल चूमते देखा है,
उन मुलायम हाथों से...
हमेशा सीने से लगाते देखा है,
कभी कभार उन कोमल हाथों में,
स्केल और झाड़ू भी पकड़ते देखा है,
कभी डाँट कर तो कभी प्यार से..
कभी डाँट कर तो कभी प्यार से..
उन्हें हमेशा सही रास्ता दिखाते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
जब जिद्द करता था मैं न खाने के लिए,
मुझे मनाने के लिए...
उन्हें हज़ारों कहानियां सुनाते देखा है,
जब रहता मैं उनसे दूर.. तब भी,
मैंने उन्हें अपने चारों ओर ही रहते देखा है,
नेवले को तो मैं आज तक नहीं देखा रास्ते में..
नेवले को तो मैं आज तक नहीं देखा रास्ते में..
पर उनके चरण स्पर्श के बाद
मेरा हर काम सफल होते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
बहुत पसंद है मिठाई मुझे इसलिए..
" हमें ज्यादा मीठा पसंद नहीं " -
बोलकर अगले दिन के लिए
मेरे लिए उन्हें गुलाबजामुन बचाते देखा है,
अगर कभी आ जाए एक भी खरोंच मुझ पर..
अगर कभी आ जाए एक भी खरोंच मुझ पर..
तो मुझसे ज्यादा उन्हें परेशान होते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
क्लास में प्रथम आ सकूं मैं.. इसलिए
परीक्षा के दिनों उन्हें दिया जलाते देखा है,
बीमार पडूँ मैं जब भी..
बीमार पडूँ मैं जब भी..
उनको जगन्नाथ जी के सामने घंटों तक
महामृत्यंजय मंत्र पाठ करते देखा है,
मेरी लम्बी उम्र के लिए..
उन्हें कई मन्नतें रखते देखा है,
खुदा के सामने हर बार खुद से पहले
मेरे लिए दुआ माँगते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
मेरे हर सपने को पूरा करने के लिए,
उनको अपना हर सपना न्योछावर करते देखा है,
जब भी गुज़रता हूँ मुश्किल वक़्त से मैं..
सिर्फ़ और सिर्फ़ उनको ही आगे आते देखा है,
दुःख नहीं मुझे...दुख नहीं मुझे..
अगर मरने के बाद स्वर्ग नसीब न हो,
क्योंकि यहीं धरती पर जिंदगी भर..
मैंने फ़रिश्तों को मेरे साथ रहते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
ढूंढ लिया पूरे जहान में मैंने..
ढूंढ लिया पूरे जहान में मैंने..
और निस्वार्थता से प्रेम करता है जो
उन गिने चुने चंद लोगों में से...
मैंने सिर्फ उन दोनों को देखा है,
जनाब ! कौन कहता है कि...
चाहिए दिव्य दृष्टि खुदा को देखने के लिए,
जनाब ! कौन कहता है कि...
चाहिए दिव्य दृष्टि खुदा को देखने के लिए,
मैंने मेरे इस सामान्य आँखों से ही
जिंदगी भर प्रभु विष्णु और लक्ष्मी माता को मेरे साथ रहते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।
जरूरत नहीं है मुझे किसी टूटते तारे की,
जरूरत नहीं है मुझे किसी टूटते तारे की,
क्योंकि उन्हें सिर्फ़ एक बार बोलते ही
दूसरे दिन वह ख्वाहिश पूरा होते देखा है,
ओ ! दुनियावालों सुन लो जरा..
ओ ! दुनियावालों सुन लो जरा..
डरता नहीं मैं किसी मुसीबत से अब...
क्योंकि मुझे बचाने के लिए...
मैंने उन्हें तूफानों से भी आँख मिलाते देखा है,
यार यह सब तो कुछ भी नहीं..
जब मैं बोल भी नहीं पाता था... सिर्फ़ मेरे इशारों से
मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते देखा है।