।। अगर मेरे पास महासक्ति होती ।।
।। अगर मेरे पास महासक्ति होती ।।
अगर मेरे पास महासक्ति होती
तो सारे धार्मिक भेदभाव को खत्म कर देता,
अन्याय और भ्रष्टाचार को खत्म करके चुटकी में
चारों और भाईचारा का संचार कर देता।
गरीबों को अधिकार दिलाता,
जरूरतमंदो को हाथ बढाता,
बंद करके सब बृद्धाश्रम लोगों को
रिश्ते का एहमियत समझाता।
बेटियों के साथ अत्याचार करने
वालों को सबक सिखाता,
मिटाकर सब दुःख-कष्ट रूप अंधेरा
धरती से सबको सुखी भारत का चित्र दिखाता।
लोगों को इतना सक्षम बनाता कि
वह भूखे के लिए खाना बन जाते,
वह प्यासे के लिए पानी बन जाते,
गरीब के लिए बेटा और अनाथ के
लिए माता पिता बन जाते।
सबके अंदर ऐसे भावनाओं का
संचार करता कि उनको अपने
और पराए में फर्क पता न चलता,
भूलकर सब भेदभाव बस
सबको गले लगवाने बोलता।
क्रोध, ईर्षा, और वासनाओं
का नामों निशान मिटा देता,
लोगों के अंदर प्यार का
ऐसे संचार करता,
इस धरती में ही लोगों को
स्वर्ग महसूस करा देता।