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सोनी गुप्ता

Abstract

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सोनी गुप्ता

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फिर महकेगा जीवन

फिर महकेगा जीवन

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जीवन फिर खुशियों से महक जाएगा , 

फिर वही पहले वाली यहाँ होगी बात, 

अभी तो बस यहाँ पर गमों का शोर है, 


अपनों की खातिर कुछ पल दूर रहना, 

फिर वही पहले वाली यहाँ बात होगी, 

ये तो अभी जीवन का कठिन मोड़ है, 


कुछ पल अपनों के लिए ठहर जाओ, 

अपने घरों में जरा तुम संभल जाओ, 

अभी तो ये हमारे इम्तिहान का दौर है, 


इंसान बन इंसानियत जरूर दिखाओ, 

घर पर रहकर सबका साथ निभाओ, 

दूर रहना ही इस कोरोना का तोड़ है, 


मैं यहाँ सही सलामत अपने घर पर हूँ, 

तुम भी अपने घर हिफाजत से रहना, 

फैल रहा महामारी का डर चारों ओर है, 


फिर मिलेंगे हम और तुम थोड़ा सब्र रखना, 

हर मुश्किलों से जरूर बाहर निकलेंगे सब, 

कर प्रार्थना निकल जाए जो कठिन दौर है, 


माना आज बहुत दूर हैं हम सब अपनों से, 

किसी का साथ हमें कभी छोड़ना नहीं है, 

रहना मिलकर हमें यहीं हम सबका ठौर है ! 


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