दिसम्बर की सर्द रातें
दिसम्बर की सर्द रातें


दिसम्बर की सर्द रातों में,
सितारों सा रंगीन ये सफर हुआ,
कोहरे की चादर ओढ़कर,
सपनों का मीठा इंतजार हुआ।
ठंडी हवा में छाई शांति,
दिलों की बातों का एहसास हुआ,
गीतों की झिलमिलती लहरों में,
दिसम्बर का हर कोना गुलज़ार हुआ।
किसी अपने की मुस्कान से,
रिश्तों का सफर और आसान हुआ,
गहरी सोच की छाया में,
सोचा हुआ हर सपना साकार हुआ।
दिसम्बर की सर्द रातों में,
ठंडी के साथ मौसम में बदलाव हुआ
छोटी सी बूंदें गिरीं धूप के साथ,
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ठंड के संग सीत का आगाज हुआ।
छुपा हुआ हर्ष, ठंडी हवा के साथ,
दिसम्बर रातों में अपना कोई साथ हुआ
पल-पल में महकता हुआ ये मौसम,
रिश्तों के करीब आने का एहसास हुआ।
खुले आसमान में चमकते तारे,
तारों की चमक में कोई अपना पास हुआ,
कविता की कश्ती लहराता मौसम
प्रेम की कश्ती में कोई अपना सवार हुआ।
बीता एक साल, आ रहा नया साल
बीते वक्त में कुछ नएपन का एहसास हुआ,
ये मौसम, ये कहानी, हर दिसम्बर की है
ठंड के संग लो नए साल का आगाज हुआ।