ये जो मुझ पर निखार है, साईं !
ये जो मुझ पर निखार है, साईं !
ये जो मुझ पर निखार है, साईं !
आप ही की बहार है, साईं !
आप चाहें तो जान भी ले लें
आपको इख़्तियार है, साईं !
तुम मिलाते हो बिछड़े लोगों को
एक मेरा भी यार है, साईं !
मुझसे ही दामन उसका बांध दीजे
दिल बड़ा बेताब है, साईं !
इश्क़ में लग़ज़िशों पे कीजे मॉफ़
साईं ! ये पहली बार है, साईं !
कुल मिला कर है जो भी कुछ मेरा
आपसे मुस्तआर है, साईं !
एक कश्ती बना ही दीजे मुझे
कोई दरिया के पार है, साईं !
रोज़ आँसू कमा के लाता हूँ
ग़म मेरा रोज़गार है, साईं !
मेरे प्यार से मिलने की दुआ दीजे
दर्द का कारोबार है, साईं !
ख़ार ज़ारों से हो के आया हूँ
पैरहन तार-तार है, साईं !
कभी आकर तो देखिए कि ये दिल
कैसा उजड़ा दयार है, साईं !