आंसू कीमौखिक भाषा होती है बहुत मुखर! न समझो इसे बूंद समन्दर से गहरा होता है एक कतरा आंसू! आंसू कीमौखिक भाषा होती है बहुत मुखर! न समझो इसे बूंद समन्दर से गहरा होता है एक क...
हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है। हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है।
क्या पता था हमें तनहाईयाँ हाथों की लकीरों में तुम लिख जाओगे जो बात मैं समझा न कभी इश्क में तुम म... क्या पता था हमें तनहाईयाँ हाथों की लकीरों में तुम लिख जाओगे जो बात मैं समझा न...
मोमबत्ती की कंपकपाती लौ की तरह, शारीर रह-रह कर, सिहर रहा था, हवा में कांपती.... मोमबत्ती की कंपकपाती लौ की तरह, शारीर रह-रह कर, सिहर रहा था, हवा में कांपती....
रेगिस्तान में पहली फूहार सी, ठूँठ पेड़ में नये पत्ते सी, थके राहगीर पर पड़ी छाया सी, विराने में खिले... रेगिस्तान में पहली फूहार सी, ठूँठ पेड़ में नये पत्ते सी, थके राहगीर पर पड़ी छाया...
उम्मीदें टूट चुकी है सब, फिर भी एक उम्मीद रखने का मन क्यों करता है, मौत तो आनी है एक दिन फिर भी जीने... उम्मीदें टूट चुकी है सब, फिर भी एक उम्मीद रखने का मन क्यों करता है, मौत तो आनी ह...