बोझ को अगर हल्का करना है तो उससे दोस्ती कर लो। बोझ को अगर हल्का करना है तो उससे दोस्ती कर लो।
हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है। हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है।
माना काम है जरूरी अपनो का साथ भी है जरूरी माना काम है जरूरी अपनो का साथ भी है जरूरी
मैं तो कुछ दिन का मेहमान हूँ तुम उम्र भर फिर न पछताना। मैं तो कुछ दिन का मेहमान हूँ तुम उम्र भर फिर न पछताना।
मैं तो ठंडा पानी हूँ और तुम्हारी चेहरे की मुस्कान भी। मैं तो ठंडा पानी हूँ और तुम्हारी चेहरे की मुस्कान भी।
इसके लिए उम्मीदों को कभी-कभी दरकिनार कीजिए ! इसके लिए उम्मीदों को कभी-कभी दरकिनार कीजिए !