प्यार के आखिरी पल।
प्यार के आखिरी पल।
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बात करके मन हल्का हो जाया करता था कभी
हमने आज भावनाओं को बोझ बनते देखा है।
आंसू बयान कर रहे हैं वो गुज़रे दिनों की दास्ताँ
हमने आज आँसुओ को जुबान बनते देखा है ।
आंसू बेशक उनकी आंखों से भी छलके हैं आज
हमने आज जज़्बातों को बेलगाम होते देखा है।
खामोश वो भी हैं और हम भी और यही है सही भी
क्योंकि हमने लफ़्ज़ों को मसलों का कत्ले-आम करते देखा है।
भविष्य के सुनहरे सपने न उनके पास हैं ना हमारे पास
हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है।