मैं मीनाक्षी गांधी , गनौर ( सोनीपत) हरियाणा से । दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर (रसायन विज्ञान ) की पढ़ाई के बाद सोनीपत के एक कॉलेज में 3 साल लेक्चरर के पद पर काम किया। इन दिनों दिल्ली के एक स्कूल में विज्ञान पढ़ा रही हूँ ।
एक लेखिका बनने का तो ख्याल कभी मन... Read more
मैं मीनाक्षी गांधी , गनौर ( सोनीपत) हरियाणा से । दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर (रसायन विज्ञान ) की पढ़ाई के बाद सोनीपत के एक कॉलेज में 3 साल लेक्चरर के पद पर काम किया। इन दिनों दिल्ली के एक स्कूल में विज्ञान पढ़ा रही हूँ ।
एक लेखिका बनने का तो ख्याल कभी मन मेें आया ही नही था । लेक्चररशिप के दौरान जब भी कुछ महसूस करती थी उसे शब्दों में पिरोने की कोशिश करती थी । कुछ वक्त तक नारीवाद पर कविताएं लिखती रही । अभी ये किसी को प्रभावित कर पाती थीं या नहीं , नहीं जानती थी परन्तु ये मुझे हिम्मत देती थी , प्रेरित करती थी मुझे अपने सपने पूरे करने के लिए , उनके लिए लड़ने के लिए ।
शब्दों की ताकत कितनी बड़ी हो सकती है ये मैंने तब जाना जब कुछ अच्छी किताबों को पढ़ना शुरू किया । शब्द हमारे अंदर एक ऐसे लहर पैदा कर देते हैं कि हम खुद पर विश्वास करने और अपनी मंजिल तक पहुंचने की ताकत जुटा लेते हैं ।
ऐसी ही एक ताकत बनना चाहती हूँ मैं , दूसरे लोगों के लिए । जब लोग मुझे पढ़े तो उन शब्दों में खुद को तालाशें और अपनी मंजिल के रास्ते भी । Read less