मैं मीनाक्षी गांधी , विज्ञान की अध्यापिका और एक लेखिका ।। पढ़ाई के दौरान एक लेखिका बनने का तो ख्याल कभी मन मेें आया ही नही था । मगर शिक्षण के दिनों में जब भी कुछ महसूस करती थी उसे शब्दों में पिरोने की कोशिश करती थी । कुछ वक्त तक नारीवाद पर कविताएं लिखती रही । अभी ये किसी को प्रभावित कर पाती थीं... Read more
Share with friendsआज है साल का आखिरी दिन और कल फिर एक नया साल लग जाएगा, कैसा रहेगा हमारे लिए ये तो सिर्फ वक्त ही बताएगा, लाएगा खुशियां हजार या फिर गमों का पहाड़ लाएगा, अच्छा रहे या बुरा, पर एक नई सीख दे कर जाएगा!! - मीनाक्षी गांधी