गुम होता बचपन
गुम होता बचपन
"बस , बहुत हुआ अब ! आज से मेरी तुम्हारी दोस्ती खत्म।
आज से मैं तुम्हें नहीं जानता और तुम मुझे नहीं।
अगर बात सिर्फ हम दोनों के बीच होती तो सुलझ सकती थी पर इस बार तुमने हद कर दी। मेरी बहन के सामने तुमने मेरी इंसल्ट की है। मेरी सारी इमेज खराब कर के रख दी। क्या सोचेगी मेरी बहन अब मेरे बारे में ? कल से अपनी शक्ल मत दिखाना मुझे।"
रसोई घर में खाना बनाती मानवी के कानों में दो दोस्तों के बीच होती तकरार सुनाई दी।
खिड़की से झांक कर देखा तो मानवी मुस्कुराने लगी और थोड़ी चिंतित भी थी क्योंकि यह बातचीत दो ऐसे दोस्तों के बीच हो रही थी जो केवल 7 से 8 वर्ष की आयु के थे।