रिश्तों की पोटली
रिश्तों की पोटली
रिश्तों की पोटली को कुछ
यूँ सम्भाल कर रखिए,
फायदा भले कोई उठा ले आपका
आप सबका मान किजीए !
गठरी रिश्तों की भारी हो जाती हैं
तब जब उम्मीदों का बोझ बढ़ जाता है !
मन का बोझ न बढ़े
इसके लिए उम्मीदों को
कभी-कभी दरकिनार कीजिए !