खुद को जिंदा कर लो
खुद को जिंदा कर लो


कला प्रसिद्धी ही दिलाती है
पर बोली दिलों में जगह दिलाती है !
कौन है जमीं पर कौन
अभिमान में ये बोली है वाणी
सबकी औकात बताती है !
पलट कर देखो इतिहास
नाम तो बहुतों का है हुआ
पर प्रसिद्धि है उसी ने पायी जिसने
दिलों पर राज है किया !
वाणी कड़वी होती है
जब सत्य घुल जाता है उसमें
असत्य होता है मीठा
पर नहीं घुल पाता है दिल में
भले कड़वे हो शब्द पर सत्य से मत अडिग होना
रूठ जाये भले कोई पर
तुम सत्य पर डटे रहना !
एक न एक दिन जब सत्य अपना रंग दिखायेगा
तुम्हारी कड़वी वाणी का
हर शख्स दिवाना हो जाएगा !!
सत्य के साथ साथ मन में करूणा को भी घर देना
तभी समझ पाओगे सबके भावों को
कि जीवन में है क्या !!
असत्य बस कपटी नहीं मजबूर भी है कहते
तुम बिना मन की गहराई समझे
मत किसी को भी जज करना !
बोली ऐसी रखो कि सब खिंचे आये पास तेरे
चाहे हो कितनी भी राजदार बात
लगे तुमसे कहने
अपनी वाणी से सबके मन को तुम जीतो
प्रेम हासिल करने को थोडी नाराजगी भी सह लो
सत्य की राह पर चलकर
तुम विश्वास मन में जगाओ कुछ ऐसे
भले दे न पाओ पैसे।
पर हौसला बन राह भटके को दिखा देना
क्योंकि बोली ही है जो दिल में जगह दिलाती है
इंसान को फर्श से अर्श तक पहुंचाती है !
दिलों को जीत कर तुम ईश्वर की वंदना कर लो
मंदिर जाओ न जाओ
वजह बनकर किसी की हंसी की
तुम कुछ यूँ पुजा अर्चना कर लो !
मर कर भी हो जाओगे अमर
पलट कर देखना इतिहास
है जिसने सत्य की राह पर है जीता दिल
वो अब तक है जिंदा
तुम भी वाणी में घोलो कुछ यूँ मिठास अपने
दर्द को समेटो दिल में मुर्दो को जिंदा कर दो।
मरना तो है सबको एक न एक दिन
अटल सत्य है
दिलों पर करके राज तुम मर कर भी जी लो !
कुछ यूँ घोलो बोली में मिठास
मर कर भी इतिहास में खुद को जिंदा कर लो !