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KARAN KOVIND

Inspirational

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KARAN KOVIND

Inspirational

कोरोनो में मदद

कोरोनो में मदद

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महामारी है निकलो 

अगर ठंड है तो 

निकलो उनके लिए

जिनके आशियाने नहीं है 

निकलो कि उनकी छत बनो

निकलो कि उनकी चादर 

उनके अहसासो को बांटो

जैसे बंटते हो आपस में विचार

उनको पहनाओं 

ताप की एक गर्म मोजे

एक टोपी 

एक स्वेटर

सम्पन्न हो तो निकलो

उनके अंधेरा का सूरज बनो

अगर किल्लत है तो कम निकलो

लेकिन जिद है तो निकलो

 जमीने को यूं न बंजर होने दो

पानी दो

दाना दो

ताकि उर्वर हो 

और उनके चांद तुम्हें

रोशनी दे।



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