STORYMIRROR

jaidev sharma

Inspirational

5.0  

jaidev sharma

Inspirational

अपना संविधान

अपना संविधान

2 mins
490


अंगीकारा जन-जन उर ने, यह भारत की शान बना ।

अति विशाल यह लिखित, लचीला है अपना संविधान बना।।

अखंड एकता का यह द्योतक ,लोकतंत्र का रक्षक है,

धन, समाज, ये राजनीति का, नीति न्याय संरक्षक है ।

पूजा-पाठन, धर्म -धारणा ,अभिव्यक्ति की आजादी,

धर्म निरपेक्षता बसी मूल , भाव रहे समतावादी ।

गणतंत्र देशों में सभी से, ऊँचा यही विधान बना ।

अति विशाल . . . . . . . . . . . . . . . . . .


सम अवसर प्रधान है करता,जन-जन के उत्थानों का,

अभेद नस्ल ,लिंग ,धर्म, रंग, सर्व जन स्वाभिमानों का।

शिक्षा ,न्याय ,राज विभाग में, हक दिया हर इंसान को,

शोषण हो ना सके किसी का ,आँच नहीं सम्मान को ।

अधिकार सात सब के मौलिक,लिखित में यह प्रमाण बना ।

अति विशाल . . . . . . . . . . . . .

. . . . . .


अधिकारों के साथ-साथ कुछ, हैं कर्तव्य निभाने को,

गरिमामय रहें भारतवासी, जन बंधुत्व बढ़ाने को।

संतुलन रहे अब बना सदा,कर्तव्यों, अधिकारों में ,

रहे ध्वज तिरंगा नभ पथ में ,स्वदेश प्रेम विचारों में। 

अल्प संख्यक व पिछड़े जन का ,सुरक्षित प्रावधान बना ।

अति विशाल . . . . . . . . . . .  . . .. . .


अपनी सत्ता, शासक अपना ,सारे नियम हमारे हैं,

गणतंत्र और निर्भय जीवन, धर्म पनपते सारे हैं ।

हम सम्मानित संविधान की, शान नहीं घटने देंगे,

अक्षर - अक्षर पालन होगा ,मान नहीं घटने देंगे।

इस से ही भारत का गौरव ,अखंड,अजय,महान बना।

अति विशाल यह लिखित लचीला, है अपना संविधान बना।।

      


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational