अपना वक्त, अपनों को दो ना बहुत जी लिए औरों के लिए! अपना वक्त, अपनों को दो ना बहुत जी लिए औरों के लिए!
और भारत को खुशहाल बनाए विश्व में इसका पंचम लहराए।। और भारत को खुशहाल बनाए विश्व में इसका पंचम लहराए।।
मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत, मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत,
वह है देश के लिए थोड़ा प्यार और सम्मान और साथी प्राणियों के साथ सहिष्णुता की भावना। वह है देश के लिए थोड़ा प्यार और सम्मान और साथी प्राणियों के साथ सहिष्णुता की भ...
क्यों गरीब का तन केवल हड्डी पसली का ढाँचा है?ये भारत की राजनीति के मुँह पर एक तमाचा है क्यों गरीब का तन केवल हड्डी पसली का ढाँचा है?ये भारत की राजनीति के मुँह पर एक तम...
आधा भारत बदल गया जाने कब आधा बदलेगाकरने इनका जीवन रौशन क्या कोई सूरज निकलेगा आधा भारत बदल गया जाने कब आधा बदलेगाकरने इनका जीवन रौशन क्या कोई सूरज निकलेगा