पथ प्रदर्शक..भारत!!
पथ प्रदर्शक..भारत!!
हर परिस्थिति से ,
लड़ना जानते हैं हम
संकट कितनी भी बड़ी हो
एक होकर लड़ते हैं हम।
कभी अस्त्र से
तो कभी शस्त्र से,
कभी मौन से
तो कभी चीज से,
दुश्मनों को धूल चटाते हैं हम।
ना कभी हाथ मिलाते
ना कभी गले लगाते
नमस्कार कर मुस्कुराते हैं हम।
विश्व गुरु क्यों कहलाता है
भारत ?
जब किसी की नहीं चलती
तो राह दिखलाता है भारत।
मानो मेरी बात
करोना से तुम डरो ना
बस अपनी संस्कृति को
अपना लो ना...!
अपना वक्त, अपनों को दो ना
बहुत जी लिए औरों के लिए,
अब खुद के लिए ,
जरा जश्न मना लो ना....
अगर ऐसा करोगे आप
करोना भी अलविदा कहेगा...
कर जोर हमारी संस्कृति को
वो भी वाह-वाह करेगा
वो भी वाह-वाह करेगा...।
