ये मेरा प्यारा हिन्दुस्तान
ये मेरा प्यारा हिन्दुस्तान
है जग में ऊँची इसकी शान, यह मेरा प्यारा हिंदुस्तान ।ये जिंदाबाद रहे।
ये उजले शहर सजीले गाँव, यह पनघट, पीपल, बट की छांव,
ये बरखा, बहती कागज नाँव, यहां हर चेहरे पर मुस्कान।
ये जिंदाबाद रहे ।
लहकते बाग लबालब ताल, चहकते पंछी तरुवर डाल,
ये धूरी-धसरित बाल गोपाल, लहराते खेत मेरे खलिहान।
ये जिंदाबाद रहे।
यहां की श्यामल सौंधल माटी, रजत हिम भूधर पुलकित घाटी ।
यहां षट् ऋतुओं की परिपाटी, ये नदियां, सागर, रेगिस्तान।
ये जिंदाबाद रहे।
ये मेरे दादू, सूर, कबीर, ये तुलसी, ग़ालिब, मीरा, मीर।
मुहम्मद जायसी पीर फकीर, यहां के भूषण और रसखान।
ये जिंदाबाद रहे।
ये नंद के लाल, अवध के राम, अवधपुरी, मथुरा, काशी धाम ।
ये सुंदर सुबह, सलोनी शाम, यहां के कण-कण में भगवान।
ये जिंदाबाद रहे।
ये साधु-संत औ पंच प्यारे,ये मंदिर, मस्जिद,गुरुद्वारे,
ये सतलुुुज, यमुना, गंग किनारे, यहां के पावन कुंभ स्नान ।
ये जिंदाबाद रहे।
यहां की रामायण औ गीता, चाणक्य नीतियों मनु संहिता ।
सती अनसूया, सावित्री, सीता, यहां के वेद औ ग्रंथ पुराण।
ये जिंदाबाद रहे ।
यहां के वीर पूत बलिदानी, वो फाँसी झूू़ली नयी जवानी।
पद्मनी, झांंसी वाली रानी, यहांं के राणा और चौहान। येे जिन्दाबाद रहे।
भिन्न -भिन्न धर्म अलग परिवेश, अलग है भाषा अलग है वेश।
यहां के योगी और दरवेश, तिरंगा सब का दीन, ईमान।
ये जिंदाबाद रहे ।
यहां का वंदे मातरम् गीत, ये जोड़े दिल से दिल की प्रीत।
वतन पर कुर्बानी की रीत, यहां का जन गण मन का गान।
ये जिंदाबाद रहे ।