इस बार की होली
इस बार की होली
इस बार की होली होगी सबसे निराली ,
जिसमे नफरत और हिंसा से मिलेगी आज़ादी ,
जहाँ रँग प्यार का एक - दूसरे को लगेगा ,
हर धर्म का एक फूल खिलेगा।
बुझा डालेंगे सब मिलके वो मशालें ,
जो नफरत की आग को देती हवाले ,
भर पिचकारी फिर एक फुहार गिरेगी ,
जिसमे सबकी होली रंगीन बनेगी।
सब धर्मों के रँग से ये फाल्गुन सजेगा ,
अब होली में किसी का ना दिल जलेगा ,
पकवानों से करेंगे सबके दिलों को मीठा ,
चेहरों पर दिखेगा एक सुकून का झरोखा।
होली का त्योहार खुशियाँ है लाता ,
रँगों में रँग के नए गीत सुनाता ,
नफरत के धुएँ को यहाँ ना जगह मिलेगी ,
इस बार की होली में नफरत जलेगी।
