इश्क़ अगर सच्चा हो
इश्क़ अगर सच्चा हो
ये दिल हर किसी से लगाया नहीं जाता,
और जिससे लग जाए, उसका फिर दुखाया नहीं जाता।
तेरे इश्क़ ने ऐसा जादू कर दिया मुझ पर,
अब किसी और के ख्वाबों में लहराया नहीं जाता।
हमने तो चाहा था तुझे रूह की गहराइयों तक,
ऐसा रिश्ता यूँ ही हर किसी से बनाया नहीं जाता।
तेरी यादें भी अजीब हैं, दिल पे दस्तक देती हैं,
ये दरवाज़ा जब खुल जाए, फिर बंद कराया नहीं जाता।
हमने जलकर भी रखा है इश्क़ का चिराग रोशन,
ये दिया आँधियों से यूँ ही बुझाया नहीं जाता।
कह दो उन लोगों से जो पूछते हैं हाल हमारा,
मोहब्बत का ज़ख्म है, सबको दिखाया नहीं जाता।
तेरा नाम लिया है हर दुआ में, हर सज़दे में,
ये राज़ है दिल का, सबको सुनाया नहीं जाता।
अब तू चाहे जितना भी समझा ले इस दिल को,
जिस पे इश्क़ हो जाए, वो हटाया नहीं जाता।
ग़ुलाबों सी महफ़िल में कह दूँ मुस्कुराकर मैं,
इश्क़ अगर सच्चा हो, तो निभाया नहीं जाता।

