गुढी पड़वा का पर्व
गुढी पड़वा का पर्व


नव वर्ष की बगिया में, खुशियों की बहार,
गुढी पड़वा लाया है, रंगों का त्यौहार।
सज गई हैं गुढियाँ, द्वार-द्वार पर झूल,
स्वागत में बंधे हैं, आम के पत्तों के फूल।
धूप की किरणें भी, नये सपने लिए,
आशा की गुढी को, नभ में किये खड़े।
मीठे-मीठे पकवान, पूरणपोली की मिठास,
हर दिल में उमंग, हर मुख पे उल्लास।
संकल्प की डोरी से, बांधा ये पर्व महान,
भविष्य के नए पन्नों पर, लिखें शुभ अरमान।
संस्कृति की सुगंध, पर्व का ये आभार,
गुढी पड़वा का दिन, सजे हर घर-द्वार।
सूरज की सुनहरी किरणें, बरसाए आशीर्वाद,
खुशियों से भर दे जीवन, यही प्रभु का प्रसाद।