अपने चेहरे पे झूठी मुस्कान लिए फिरते हैं। अपने चेहरे पे झूठी मुस्कान लिए फिरते हैं।
एक रात में वो मेरी रूह से खेल जाता है यूं तो बेवफ़ा में भी खुद से कुछ कम नहीं हर शाम सजती संवरती ह... एक रात में वो मेरी रूह से खेल जाता है यूं तो बेवफ़ा में भी खुद से कुछ कम नहीं ...
मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना
तलवार की धार पर कदम रखकर जीते हैं लोग ज़िन्दगी बोझ लगने लगी ऐसे रवायतों से तलवार की धार पर कदम रखकर जीते हैं लोग ज़िन्दगी बोझ लगने लगी ऐसे रवायतों से
बन खुद ही अपनी पतवार तू दौड़ जा मंज़िल के उस पार तू क्योंकि वक़्त को भी है इंतजार दे अपन... बन खुद ही अपनी पतवार तू दौड़ जा मंज़िल के उस पार तू क्योंकि वक़्त को भी ...
राजभाषा है ये हमारी, राष्ट्रीयता का प्रतीक है, हिंदी का विरोध करना, क्या यह बात ठीक है? राजभाषा है ये हमारी, राष्ट्रीयता का प्रतीक है, हिंदी का विरोध करना, क्या यह बात ...