एक रात में वो मेरी रूह से खेल जाता है यूं तो बेवफ़ा में भी खुद से कुछ कम नहीं हर शाम सजती संवरती ह... एक रात में वो मेरी रूह से खेल जाता है यूं तो बेवफ़ा में भी खुद से कुछ कम नहीं ...
जिसे तुम देखो वो तुम्हें वापस ना देखे तो क्या फ़ायदा मेरी तारीफ़ का आख़िरी अंश भी। ... जिसे तुम देखो वो तुम्हें वापस ना देखे तो क्या फ़ायदा मेरी तारीफ़ का आख़िरी अंश भ...
देख कर मेरे गालों की लाली वो इस कदर इठलाता है दबोच कर आगोश में मुझे अपने अपना हर गम भुलाता हैं देख कर मेरे गालों की लाली वो इस कदर इठलाता है दबोच कर आगोश में मुझे अपने अप...
मैने सोचा था मैने सोचा था