मेरा सपना
मेरा सपना
दिल के किसी कोने में ये सपना मचलता है
कि उन नन्ही पलकों के पीछे मेरा ही कोई ख़्वाब पलता है
उसके साथ मेरा सपना बढ़ता है
नाज़ुक सी हथेलियों में शायद मेरा नाम कहीं लिखा है
मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना
आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना
उसको गोद में लिए हज़ारों सपने देखती हूँ
उसकी ज़िन्दगी में अपना क़िरदार ढूंढती हूँ
मेरा नाम पुकारती हुई, मेरे साथ खेलती हुई, मेरे दिल का अरमान है वो
डरकर मुझसे लिपटती हुई, मेरे साथ खुद को महफूज़ समझती हुई, मेरी पहचान है वो
कहीं बिखर न जाये हर पल संभालती हूँ
तन्हाइयों में अपने प्यार से इसे सपने को संवारती हूँ
दिल के किसी कोने में ये सपना मचलता है
कि उन नन्ही पलकों के पीछे मेरा ही कोई ख़्वाब पलता है
