#कुछ बातें...!! #कुछ यादें....!!
सहसा प्रकाश-पुंज और उसकी रोशनी विलुप्त हो जाती है सहसा प्रकाश-पुंज और उसकी रोशनी विलुप्त हो जाती है
क्योंकि हम दुनिया को जिस नज़र से देखेंगे, दुनिया हमें वैसी ही दिखाई देगी। क्योंकि हम दुनिया को जिस नज़र से देखेंगे, दुनिया हमें वैसी ही दिखाई देगी।
। उसके बाद हम सब मिलकर आराम से बातचीत करते हुए खाना खाते हैं। । उसके बाद हम सब मिलकर आराम से बातचीत करते हुए खाना खाते हैं।
शंभू और कालू को उनके कृत्य का फल मिल गया था, और वह भी अब सुधर गए थे। शंभू और कालू को उनके कृत्य का फल मिल गया था, और वह भी अब सुधर गए थे।
मनुष्य का दूसरे जीवों के प्रति दया प्रेम और करुणा की भावना रखना मनुष्य का दूसरे जीवों के प्रति दया प्रेम और करुणा की भावना रखना
ऐसे ही फिर वह अपना जीवन व्यतीत करने लगा। ऐसे ही फिर वह अपना जीवन व्यतीत करने लगा।