दोस्ती की मिसाल
दोस्ती की मिसाल
दोस्ती को दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश़्ता माना जाता है। सच्ची दोस्ती इंसान को ज़िंदगी में कभी अकेलापन महसूस नहीं होने देती है। ऐसी ही दो दोस्तों की एक कहानी है, जो दोस्ती का सच्चा अर्थ समझाती है, यूं कहें तो दोस्ती की मिसाल है।
रतनगढ़ नाम के शहर में दो दोस्त रहते थे। एक का नाम शैलेश था और दूसरे का नाम रोहन था। वह दोनों साथ में ही एक ही क्लास में पढ़ाई करते थे, साथ में ही उनका आना-जाना, उठना-बैठना, यहाँ तक की खाना-पीना भी वह दोनों साथ में खाते थे। एक दिन भी वह एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। यूं ही वक्त गुजरता गया और वक्त के चलते उन दोनों को अपनी-अपनी शिक्षा के लिए एक-दूसरे से मजबूरी में दूर होना पड़ा।
समय बीतता गया, समय के साथ एक दोस्त अमीर हो गया और दूसरा वहीं का वहीं रह गया, कारण उसकी बीमार माँ थी, जिसके कारण रोहन को अपनी शिक्षा अधूरी ही छोड़नी पड़ी।
एक दिन रोहन की माँ का स्वस्थ काफी ज्यादा ख़राब हो गया, तो उसे अपनी माँ को हाॅस्पिटल लेकर जाना पड़ा।
वहाँ जाकर उसने माँ का इलाज करवाया और जब उसकी माँ की टेस्ट रिपोर्ट आई तो पता चला,कि माँ का एक लीवर खराब हो गया है और उसमें इंफेक्शन है जो कि काफी तेजी के साथ फैल रहा है। इसीलिए डॉक्टर्स ने कहा कि जल्द से जल्द इनका ऑपरेशन करना पड़ेगा।
इसमें लगभग 14 लाख रूपये का खर्च आएगा।
यह सुनकर रोहन के होश उड़ गए, वह सोचने लगा कि इतने सारे पैसे वह कहाँ से लाएगा। लेकिन वह पैसों का जुगाड़ करने के लिए बाहर जाने लगा, तभी हॉस्पिटल के मुख्य गेट पर रोहन एक व्यक्ति से टकराया। जैसे ही उसने उसकी तरफ देखा तो वह तुरंत पहचान गया कि ये तो शैलेश है और वह भी रोहन को पहचान गया। तो वह एक-दूसरे के गले मिले, दोनों की आँखों में आँसू थे,
तभी शैलेश ने पूछा यार! तू यहां कैसे? रोहन बोला माँ की तबीयत खराब है, उनको एक लीवर में इंफेक्शन हो गया है, जिसके ऑपरेशन में 14 लाख रुपये लग रहे हैं, परंतु मेरे पास इतने पैसे नहीं है।
माँ के कारण ही तुम्हारे जाने के बाद मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। तो यार! तू चिंता मत कर वो तेरी ही माँ नहीं, मेरी भी माँ है।
मैं इस हॉस्पिटल का सीनियर डॉक्टर हूँ।
अपनी माँ की इलाज मैं स्वयं करूंगा और आज से तू भी मेरे घर पर रहेगी और ना मत करना क्योंकि मैंने तुमको एक बार खो दिया है,
अब नहीं खोना चाहता हूँ।
इस तरह से रोहन की माँ का ऑपरेशन पूरा होने के बाद, वह दोनों और रोहन की माँ, हँसी-खुशी से एक-साथ रहने लगे। यही उन दोनों की दोस्ती की मिसाल है।
