कवयित्री , कहानीकार , मोटिवेटर स्पीकर
वाह भाभीसा, अरसे बाद खा रहा हूँ ऐसा गोंद का लड्डू। वाह भाभीसा, अरसे बाद खा रहा हूँ ऐसा गोंद का लड्डू।
उल्टे सीधे फंदे बुनते-बुनते उसकी कलाइयां दुखने लगी थीं। उल्टे सीधे फंदे बुनते-बुनते उसकी कलाइयां दुखने लगी थीं।
प्रेमा ऐसी तो नहीं थी ....पर क्या कहता और क्या करता प्रेमा ऐसी तो नहीं थी ....पर क्या कहता और क्या करता
कहते हुए विजय को लगा उसकी आंखों में आशाओं का सूरज उग रहा है। कहते हुए विजय को लगा उसकी आंखों में आशाओं का सूरज उग रहा है।
इन्हीं बुरे हाथों में है सोचते हुए रत्ना अपनी नम आंखों को बेटी से छुपाती हुई मुस्कुरा द इन्हीं बुरे हाथों में है सोचते हुए रत्ना अपनी नम आंखों को बेटी से छुपाती हुई मुस...
बैलून हवा में उङ़ाते हुए जोर से चिल्लाए- "मंगला ....आइ लव यू....आइ....आइ...." बैलून हवा में उङ़ाते हुए जोर से चिल्लाए- "मंगला ....आइ लव यू....आइ....आइ...."
खबरदार जो श्याम के बारे में कुछ भी उलटा सीधा सोचा....टांगे तोड़ कर हाथ में दे दूंगा खबरदार जो श्याम के बारे में कुछ भी उलटा सीधा सोचा....टांगे तोड़ कर हाथ में दे दूं...
सोचते- सोचते अपनी गीली आंखों को पोंछते हुए मेरी उंगलियां नीरू के नम्बर डायल करने लगी। सोचते- सोचते अपनी गीली आंखों को पोंछते हुए मेरी उंगलियां नीरू के नम्बर डायल करने...
नताशा को लग रहा था अभी जब उसे रजत के पास होना चाहिए था नताशा को लग रहा था अभी जब उसे रजत के पास होना चाहिए था
चुलबुली माचिस ने अपनी आंख दबाई तो दीपक और बाती दोनों खिलखिला कर हंस पड़े। चुलबुली माचिस ने अपनी आंख दबाई तो दीपक और बाती दोनों खिलखिला कर हंस पड़े।