दौड़
दौड़
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ये ज़िन्दगी दौड़ है
आगे बढ़ने की होड़ है
अपने साये से मुँह फेरे,
जाने कितने हाथ छोड़े।
ठहरो तो सब सूना है
भागो तो सब पीछे छोटा है
इंसानियत का पाठ पढ़ाये
इस दौड़ में हर सीख भूल जाये
ये ज़िन्दगी दौड़ है
आगे बढ़ने की होड़ है।
दुनिया के दुःख देखो तो रात में नींद न आये
सबसे आँखें मूँद लो; दो पल चैन से सो जाये
बाकी तो ज़िन्दगी चलती जाये
पर आईने में हम खुद से नज़र चुरायें
ये ज़िन्दगी दौड़ है
आगे बढ़ने की होड़ है।