सवाल
सवाल
जब जज़्बात अल्फ़ाज़ों में बदल जाये
तब कविता बन जाये
जब किसी से मन की बात हो जाये
तब दोस्ती हो जाये
जब किसी की चिंता सताये
तब रिश्ता बन जाये
जिस दिन बेपरवाह हंसी आँखें नाम कर जाये
उस दिन का हर पल वसूल हो जाये
जो पल रोते हुए निकल जाये
वो इंसानियत सिखाये
जब किसी अपने के संग दो पल बैठ जाये
तब ख़ुशी मिल जाये
ज़िन्दगी जीना तो फुर्सत में सरलता से आये
फिर क्यूँ भागते हुए ज़िन्दगी गँवाये।