वासुदेव की प्रेरणा से एक दिन नन्द के गोकुल में आये। वासुदेव की प्रेरणा से एक दिन नन्द के गोकुल में आये।
ऊँचे ऊँचे लोगो में मैं ठहरा छोटी जात का खुद से ही अंजान मैं ना घर का ना घाट का! ऊँचे ऊँचे लोगो में मैं ठहरा छोटी जात का खुद से ही अंजान मैं ना घर का ना घाट...
बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे। बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे।
तेजाब बनकर मेरे कलेजे में जवान होते हुई बेटी के सपनों को आकाश देने से लाचार बाप की हताशा को बयान... तेजाब बनकर मेरे कलेजे में जवान होते हुई बेटी के सपनों को आकाश देने से लाचार ...
ये कथा है, बहुत पुरानी दशरथ जी की तीन थी रानी! ये कथा है, बहुत पुरानी दशरथ जी की तीन थी रानी!
भगवान् के इस कर्म की प्रशंसा की फूलों की वर्षा की ऊपर उनके। भगवान् के इस कर्म की प्रशंसा की फूलों की वर्षा की ऊपर उनके।
मंद बुद्धि मैं एक पशु हूँ फंसा हुआ विषयभोगों में । मंद बुद्धि मैं एक पशु हूँ फंसा हुआ विषयभोगों में ।
उसी समय श्री कृष्ण आ गए माँ के पास दूध पीने के लिए। उसी समय श्री कृष्ण आ गए माँ के पास दूध पीने के लिए।
राजा परीक्षित ने पूछा, भगवन किसके द्वारा नियुक्त हैं होते! राजा परीक्षित ने पूछा, भगवन किसके द्वारा नियुक्त हैं होते!
पड़ा हुआ था दुर्योधन होकर वन पशुओं से लाचार, कभी शिकारी बन वन फिरता आज बना था वो शिकार। पड़ा हुआ था दुर्योधन होकर वन पशुओं से लाचार, कभी शिकारी बन वन फिरता आज बना था ...
छल प्रपंच का अर्जन करके कपटी दुर्योधन फलता। छल प्रपंच का अर्जन करके कपटी दुर्योधन फलता।
तुम्हारी मिट्टी, मिट्टी में मिलने से पहले, अम्मा चंदन की खुशबू दे रही थी एक जीवन में कई जीवन को, चमे... तुम्हारी मिट्टी, मिट्टी में मिलने से पहले, अम्मा चंदन की खुशबू दे रही थी एक जीवन...
किस साधन से प्राप्त कर सकता बिना विशेष परिश्रम के, इस पद को। किस साधन से प्राप्त कर सकता बिना विशेष परिश्रम के, इस पद को।
उसके दु:साहस के समक्ष गन्धर्व यक्ष भी मांगे पानी। उसके दु:साहस के समक्ष गन्धर्व यक्ष भी मांगे पानी।
नंदबाबा ने कहा, वासुदेव जी तुम्हारे कई पुत्रों को मारा कंस ने। नंदबाबा ने कहा, वासुदेव जी तुम्हारे कई पुत्रों को मारा कंस ने।
श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित अतिथि कुश का पुत्र हुआ। श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित अतिथि कुश का पुत्र हुआ।
महा युद्ध होने से पहले कतिपय नियम बने पड़े थे, महा युद्ध होने से पहले कतिपय नियम बने पड़े थे,
हे मित्र पूर्ण करने को तेरे मन की अंतिम अभिलाषा। हे मित्र पूर्ण करने को तेरे मन की अंतिम अभिलाषा।
वाल्मीकि संग सिया पुनः , राम समक्ष आ खड़ी हुई। वाल्मीकि संग सिया पुनः , राम समक्ष आ खड़ी हुई।
हर तन के पिंजर में धड़कन बन बहती रहे देर तलक। हर तन के पिंजर में धड़कन बन बहती रहे देर तलक।