पौरूष परिहार

Classics

5.0  

पौरूष परिहार

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मोदी

मोदी

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सियासत के जंगल में

एक शेर नया आ गया है,

नई चाल-ढाल है इसकी

समूचे सियासी जंगल पर छा गया है।


एक दहाड़ सच की लगाई है

जंगल पूरा घबरा गया है,

टक्कर के उसकी, उससे टकरा रहें हैं

हर टक्कर पर घबरा रहें हैं।


मगर ये शेर मस्त हो लड़े जा रहा है,

कौन-सा अनाज खाया, सच बके जा रहा है।।


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