एक दहाड़ सच की लगाई है जंगल पूरा घबरा गया है... एक दहाड़ सच की लगाई है जंगल पूरा घबरा गया है...
नफ़रती बोलियों से फैलाते हैं ज़हर नेता, भाईचारे का पौधा उखाड़ चुके हैं नफ़रती बोलियों से फैलाते हैं ज़हर नेता, भाईचारे का पौधा उखाड़ चुके हैं
घात लगाए दुश्मनों को धूल चटाना काम हो, घात लगाए दुश्मनों को धूल चटाना काम हो,
वो लड़ने को तैयार है जब मातृ भूमि पे प्रहार है वो जंग की ललकार है ! वो लड़ने को तैयार है जब मातृ भूमि पे प्रहार है वो जंग की ललकार है !
न देख तू मुड़कर पीछे, माँ की लाज रखने का समय आ गया है न देख तू मुड़कर पीछे, माँ की लाज रखने का समय आ गया है
होते है कत्ल यहाँ रोजाना अमानुष याद आती हैं हाथी जैसे भयंकर दहाड़ की होते है कत्ल यहाँ रोजाना अमानुष याद आती हैं हाथी जैसे भयंकर दहाड़ की