कहीं पर थोड़ा रूकना, कहीं रूकना है पूरा कहीं पर थोड़ा रूकना, कहीं रूकना है पूरा
न देख तू मुड़कर पीछे, माँ की लाज रखने का समय आ गया है न देख तू मुड़कर पीछे, माँ की लाज रखने का समय आ गया है
गम हो या ख़ुशी, हँस कर गले लगाने चाहती हूँ, किसी भी हाल में बस रुकना नहीं चाहती हूँ। गम हो या ख़ुशी, हँस कर गले लगाने चाहती हूँ, किसी भी हाल में बस रुकना नहीं चाहत...