फिर से जियेंगे उस मौत को, जिसे लोग ज़िंदगी कहते हैं ! फिर से जियेंगे उस मौत को, जिसे लोग ज़िंदगी कहते हैं !
न विचलित होकर, न फासले बढ़ाकर बात करना है तो रंजिशों को मिटाकर। न विचलित होकर, न फासले बढ़ाकर बात करना है तो रंजिशों को मिटाकर।
नारी बच्चे घर -बार छोड़ के भागते हैं !! नाश और विनाश का तांडव रचा ही जा रहा ! नारी बच्चे घर -बार छोड़ के भागते हैं !! नाश और विनाश का तांडव रच...
पुराने ज़ख़्मों के लिए, अब क्षमा नहीं कर पाओगी। पुराने ज़ख़्मों के लिए, अब क्षमा नहीं कर पाओगी।
तुम्हारा अपना ही अस्तित्व मिट जाएगा एक दिन ! तुम्हारा अपना ही अस्तित्व मिट जाएगा एक दिन !
कोई बेड़ी नहीं थी और न ही हाथ में हथकड़ी। कोई बेड़ी नहीं थी और न ही हाथ में हथकड़ी।