तटस्थ
तटस्थ
ना किसी से छूटकर,
ना किसी से वास्ता रखकर,
बात कहना है तो तटस्थ रहकर।
सबके लिए मिसाल बन कर ,
बदलाव की कलम चलाकर,
बात करना है तो,
जुनून और जस्बे को कायम रख कर।
आरोपों से बेपरवाह रहकर
भय से ऊपर उठकर
बात करना है तो,
बदलाव लाने का हुनर रखकर।
न यात्नाओं को सहकर,
न याचनाओं के आश्रित होकर,
बात करना है तो मलिनता की परतें धोकर।
न विचलित होकर, न फासले बढ़ाकर
बात करना है तो रंजिशों को मिटाकर।
