राम नाम की ज्योत जलाई
उत्सव की तैयारी है।
हृदय पटल पर छवि बनाई
गाथा श्रवण की तैयारी है।
राम-राम भजले ज्योतिपुंज बन जाएगा।
अद्भुत चित्र श्री राम का मन मंदिर में छप जाएगा।
श्रद्धा पूरित ध्यान से भक्ति के वरदान से
राम नाम से सिंचित कंठहार हो जाएगा।
अतिशय शक्ति सौहार्द से समर्पित जीवन बन जाएगा
आई गति नवचेतन से मन श्रृंगारित हो जाएगा।
झील-सा यह जीवन सागर बनता जाएगा।
सत्य, शौर्य, दया, तप और त्याग के पर्याय बने हैं।
इक्ष्वाकु कल के शिरोमणि जन-जन के आदर्श बने हैं।
अद्भुत विलक्षण मनोरम लीला कृपा निधि ने रचाई है।
आदर्शों के प्रतिमान की छवि मन में बसाई है।
आरती गाएँ शीश नवाएँ।
नित-नित ईश की जोत जलाएँ।
सुख शांति पवित्रता समता ही योग है।
संकल्प की डोर से प्रभु मिलन संयोग है।
संकल्प की डोर से आत्मा को मिली उड़ान है।
सुरभित प्रतिक्षण अनंत मिलन आसान है।
मन में प्रभु नाम की अविरल धारा बह रही।
प्रेम भक्ति आनंद की अंतर्वृष्टि हो रही।
न संदेह न विषाद है।
करता अहर्निश राम नाम जाप है।
आत्मा को मिली अप्रतिम उड़ान है।
आत्म संयम सूत्र से मन हुआ निष्पाप है।
निवेदन में जुड़े हाथ हैं।
दर्शन से सभी कृतार्थ हैं।
महती कृपा प्रभु राम की
राम धुन का साथ है।