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Priyanka Jhawar

Abstract

5.0  

Priyanka Jhawar

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आज मैं आजाद हूं!

आज मैं आजाद हूं!

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मैंने दिल से कहा, आज तेरा नंबर है।

आज दिमाग की छुट्टी है, नहीं कोई बंधन है।

ए दिल मेरे ! तू जो बोलेगा, आज वही लिखेंगे।

फ्री वर्स की इस कविता को, आज तेरे नाम करेंगे।


कलम को भी कह दिया है, दिल जो कहे वही लिखना है।

जब तक दिल ना बोले, चलते जाना कहीं नहीं रुकना है।

दिमाग की है छुट्टी है, आज उससे कुछ नहीं पूछना है।


स्टोरी मिरर ने कहा है, "बी अ पोयम" में कुछ नया कर लो।

जो हमेशा करते हो, उससे कुछ अलग कर लो।

मेरी कलम आज, तू, मैं और दिल आजाद है।

तेरी, मेरी और दिल की यारी है।

दिमाग हो गई छुट्टी आज हमारी बारी है।


ना विषय के बारे में सोचना हैं।

ना शब्दों को खोजना हैं।

शब्दों की लय ताल, हो ना हो चलेगा।

दिल में जो आ रहा है, वो लिखना होगा।


कलम मेरी खुश होकर, चलती ही जा रही है।

जो मन चाहे वह लिखकर, खुद पर इतरा रहीं है।

जो मन में आए, उसको कागज पर उतार दूं।

आज मैं आजाद हूं, कुछ भी लिख सकती हूं।


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