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Priyanka Jhawar

Abstract

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Priyanka Jhawar

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डॉक्टर- चिकित्सक (एक्रोस्टिक)

डॉक्टर- चिकित्सक (एक्रोस्टिक)

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एक्रोस्टिक, चित्राक्षरी, या कहलो इसे अक्षरबद्ध कविता।

डॉक्टर- चिकित्सक पर, आधारित है यह कविता।।

डॉक्टर,वैद्द, चिकित्सक नाम अनेक, एक हैं रूप।

जन-जन की जान बचाने वाले, भगवान का दूसरा स्वरूप।।


डाक्टर डांटते हैं मरीजों को, उनका दोस्त बनकर।

रते हैं मरीजों की सेवा, उनका सेवक बनकर।।

क्कर दे देते हैं मौत को भी, भगवान का दूत बनकर।

खते हैं ख्याल मरीजों का, उनका हमदर्द बनकर।।


चिंता की नहीं है कोई बात, मरीजों को ऐसा करते हैं जाहिर।

कितनी भी हो रात, मरीजों के लिए हो जाते हैं कभी भी हाज़िर।।

बीयत खराब हो जाए तो, ईश्वर के बाद सब डॉक्टर को याद करते हैं।

ब ठीक हो जाएगा, चलो डॉक्टर के पास चलते हैं।

भी दवाई, तो कभी अपनी मीठी बातों से ही ये मरीजों को ठीक कर देते हैं।।


चिंगारी बनकर आया कोरोना, चारों ओर आग लगाई।

किंतु चिकित्सकों ने, इस अग्नि परीक्षा में डटकर करी लड़ाई।

न-मन अपना दिन-रात लगाकर, जन-जन की जान बचाई।

संकट के इस समय में, खुद हिम्मत रखकर सबकी हिम्मत बढ़ाई।

हते हैं चिकित्सकों को भगवान, आज वो बात सच कर दिखाई।


डॉक्टर है तो क्या हुआ, डर तो इनको भी लगता होगा।

हीं बचाते बचाते खतरा ना हो जाए, दिल इनका भी

धक-धक करता होगा।

टेंशन मरीजों का दूर करते हैं, पर उनका टेंशन इनको भी होता होगा।

खते जो अपने डर, टेंशन को अपने काम के पीछे,

ऐसे डॉक्टरों को ख़ुदा भी सलाम करता होगा।।


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