Poetess, writer, lyricist
Share with friendsमेरा मन करता कि मैं अपनी मां को बता पाऊं कि मैं अच्छे से रह रही हूं।
Submitted on 18 Jul, 2020 at 11:14 AM
मां मरने वाले की आखिरी इच्छा तो कानून भी पूरी कर देता है प्लीज चलो !
Submitted on 18 Jul, 2020 at 10:47 AM
मेरे किस गुनाह की सजा है ये मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है
Submitted on 18 Jul, 2020 at 06:55 AM
जब वो छोटी थी तभी से दादी ने सुबह उठकर भगवान के हाथ जोड़ने की उसकी आदत डाली थी।
Submitted on 18 Jul, 2020 at 06:50 AM
दादी के जाने के बाद नलिनी उस सपने के बारे में सोचती है।
Submitted on 16 Jul, 2020 at 12:57 PM
शायद हमें गुड मॉर्निंग विश करने के लिए ! ढेर सारे मोगरे के फूलों की खुश्बू से कमरा महक
Submitted on 16 Jul, 2020 at 02:20 AM
अब नलिनी भी नील की बाहों में टूट कर बिखर जाना चाहती थी।
Submitted on 13 Jul, 2020 at 19:53 PM
बादलों के बीच से निकलता चाँद खिड़की से अंदर आने को आतुर हो जैसे
Submitted on 13 Jul, 2020 at 06:23 AM
"हाँ, माँ नील बोला! शाम होने आई थी नलिनी ने बिखरा हुआ सामान करीने से रखने लगी..!
Submitted on 11 Jul, 2020 at 16:50 PM
नलिनी की आँखों में आँसू फूल पर गिरी ओस के मानिंद चमक रहे थे !
Submitted on 10 Jul, 2020 at 20:02 PM
कहीं ज्यादा गहरे और मजबूत होते हैं जो गुज़रते वक़्त के साथ और गहराते जाते हैं ।
Submitted on 26 Jun, 2020 at 07:54 AM
नहीं अब कोई बात नहीं सुन रही मैं बात भी नहीं करना बाय !
Submitted on 18 Jun, 2020 at 03:23 AM
तभी तेज हवाएं चलने लगी और अजीबो गरीब सी आवाज गूंजने लगी!
Submitted on 19 May, 2020 at 18:37 PM
चिनार के पेड़ के नीचे पहाड़ी ढलान पर बैठ रात ढले तक बात करती।
Submitted on 10 Apr, 2020 at 16:26 PM
वो खुद नहीं जानती थी कि कितनी ही बार वो पंकज का नाम लेती
Submitted on 01 Apr, 2020 at 01:55 AM