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Radha Shrotriya

Romance Fantasy Thriller

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Radha Shrotriya

Romance Fantasy Thriller

नील उपन्यास भाग-2

नील उपन्यास भाग-2

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नील नलिनी के आँसू पोंछते हुए बोला.. "प्रेम और मित्रता की गहनता इस बात से सिद्ध नहीं होती कि दोनों ने एक-दूसरे को कितने उपहार दिए.. और ये जताया कि एक दूसरे से हमें कितना प्रेम है।

"प्रेम कोई वस्तु या माप नहीं है कि हम उसे ले सके या तौल सकें,मन की गहरी अनुभूति से उपजता है प्रेम।"

प्रेम या तो किसी से होता है, या नहीं होता

आर पार का खेल है,जान का जोखिम है।

"जिसे जिस शिद्दत से हम चाहें वो भी हमें उतनी ही शिद्दत से चाहे तो हमें जीवन का अनंत सुख मिल जाता है, और ऐसा न हुआ तो दुख का गहरा दरिया हो जाता है जीवन,,,

"प्रेम में पाने खोने को कुछ नहीं रहता'प्रेम हमें आत्मा से अमीर बना देता है।

अगर अब हम कभी न भी मिल पाएँ तब भी हमें कोई दुख नहीं होगा।

हमारी आत्मा एक दूजे के प्रेम में सदियों जी लेंगी देह के त्यागने के बाद भी।

"हाँ, ये पल जो हम साथ जी रहे हैं,, इन्हें हम बहुत मिस करेंगे।"

"प्रेम की सत्यता और सिद्धि तो केवल इतनी-सी बात पर है कि हमने अपने प्रेमी या मित्र की उपस्थिति में स्वयं को कितना सुन्दर और श्रेष्ठ महसूस किया।

हमारा रोम रोम उसके प्यार से पुलकित हो आनंद के सागर में कितनी बार डूबा... देह के होते हुए भी हमारे लिए देह का कोई मूल्य ही न रहा हो एक दूसरे के प्राणों में उतर एक दूसरे को कितनी गहराई से समझा हमने।"

"पुरुष के अंदर सोया स्त्रीयोचित, और स्त्री के अंदर का पुरुषत्‍व भाव जिस पल जागा हो तुम मैं' और 'मैं तुम' का समावेश जब जान लिया समझो उस पल में सदियाँ जी ली हमने।"

"अद्भुत, दिव्य, रहस्य और रोमांच से भरा हुआ है प्रेम,मैं को छोड़ना है बस।"

इंसान और जानवर के बीच का फर्क समझना जरूरी है...

अरे.. बस इतना ज्ञान इस उम्र के लिए बहुत है 

प्रेम का रंग नीला है।

"है, ना.?"

नलिनी ने नील को आसमां की और देखते हुए देखा।

"हाँ, नील बोला।"

धीरे धीरे आसपास की भीड़ छँट गयी थी।

बीच पर सन्नाटा अपने पाँव पसार रहा था।

दिन भर शोर मचाती, उफनती लहरों ने भी खामोशी ओढ़ ली थी।

नलिनी चलें काफी रात हो गई है..

"हाँ, चलो।"

कमरे में आते ही नलिनी ने अपना नाइट ड्रेस निकाला और सीधा बाथरूम में जाने लगी।

रुको ये नाइट ड्रेस नहीं नील बोला...

मेरे पास एक ही नाइट ड्रेस है।

नील ने एक पेकेट बेग से निकालकर नलिनी को दिया।

दिन भर की थकान से बदन टूट रहा था उसका, नहाने का दिल तो नहीं कर रहा था फिर भी उसने नहाने का मन बना लिया।

ब्रश करने के बाद नहाकर उसे अच्छा फील हो रहा था।

उसने नील का दिया पेकेट खोला उसमें ब्लू कलर की बहुत सुन्दर शॉर्ट नाइटी थी।

नलिनी ने पहनकर मिरर में देखा वो बेहद खूबसूरत लग रही थी उसके नेल्स पर ब्लू नेल पेंट लगा हुआ था रंग साफ होने के कारण नीला रंग उस पर खुल रहा था।

बाथरूम से बाहर आने पर नील ने देखा तो वो एक पल के लिए देखता ही रह गया। नलिनी उसे इस तरह अपनी तरफ देखते हुए देख झेंप गयी।

नील बोला में अभी आता हूँ.. थोड़ी देर में ब्लू नाइट ड्रेस में नील किसी राजकुमार जैसा ही लग रहा था।

उसने ढेर सारा परफ्यूम पर्दों और पिलो पर स्प्रे कर दिया।

सारा कमरा महक गया जैसे ताजे गुलाबों का ढेर लगा दिया हो किसी ने।

नलिनी की तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

उसने लाइटस ऑफ की ओर नाइट लेंप ऑन कर दिये।

और नील के गले में बांह डालकर बोली कमाल है ये सब भी आता है तुम्हें,, नील कुछ देर चुप रहा और उसके चेहरे की तरफ देखता रहा।

उसने नलिनी का हाथ पकड़ा और म्यूजिक ऑन कर दिया। नील मुझे डांस करना नहीं आता, कोई बात नहीं मत करो मेरा हाथ थाम कर मेरी कमर में हाथ डाल लो.. इसमें कोई दिक्कत तो नहीं है.. नलिनी को हंसी आ गई।

धीमी रोशनी में बजता हल्का हल्का म्यूजिक और एक दूसरे की नज़दीकी नील न जाने कब से इस तरह का वक़्त नलिनी के साथ बिताना चाहता था। उसकी खुशी उसके चेहरे से झलक रही थी। आधी रात होने को आई पर नींद दोनों की आंखों से उड़ गई थी।

दोनों एक दूजे के इतने करीब थे कि एक दूसरे की धड़कन को महसूस कर रहे थे।

नील ने नलिनी का चेहरा अपने हाथों में लिया उसके होठों को किस किया।नलिनी शरमा रही थी कुछ देर में दोनों में जैसे कंपटीशन छिड़ गया हो।

नील छोड़ो दुख रहा है नील ने देखा ज्यादा किस करने के वजह से नलिनी के होंठो पर हल्की स्वेलिंग थी।

"सॉरी, नील बोला। जानकर नहीं किया।

तुम्हारे करीब आने पर में होश खो बैठता हूं।

नलिनी का हाथ थाम कर नील उसे बेड पर ले आया।

कुछ देर तक वो उसके बालों को अपनी उँगलियों से सहलाता रहा.. फिर बोला नलिनी इस रात को मैं तुम्हारे साथ जीना चाहता हूं।

"तुम्हें पाना मेरी ख्वाहिश नहीं खुद को तुम में खोना है मुझे , तुम मेरा साथ दोगी ?"

बोलो , नलिनी ?

अब तक सच्चे प्यार के लिए तरसता ही रहा हूँ मैं।

नलिनी ने नील के होंठों पर अपने होंठ रख दिये।

नील ने उसे अपनी बाहों के घेरे में कस लिया... दिल से तो वो यही चाहती थी कि उसकी हर रात यूँ ही नील की बाहों में गुज़रे।

उसके स्पर्श से वो पिघल रही थी ।

प्रेम के चरम में डूबी नील की आवाज उसे गहरी मदहोशी की हालत में ले जा रही थी।

उसके उन्नत ऊरोज नील को उत्तेजित कर रहे थे वो पागल की तरह उन्हें चूमने लगा... नलिनी सुख के गहरे सागर में डूबे जा रही थी।

ओह‌, नील... अब और नहीं।

मेरी नाभी को चूम कर नील मुझे पागल बना रहा था मेरी आवाज़ को भी उसने अपने हाथों रोक लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों से चूमने लगा जैसे कितने जन्मों का प्यासा हो..।

छोटे बच्चे सा वो मुझ में समा जाने को आतुर था।

"उसके बालों में उँगलियाँ फिराते हुए मैंने कहा। तुम्हारी आँखें बहुत सुन्दर हैं नील मन करता है कि इनमें डूब कर कभी बाहर न आऊँ।

नील बोला नलिनी प्रेम इतना हसीं होता है ये एहसास मुझे आज पहली बार हुआ है।

अद्भूत सा था ये पल रोमांच से मेरा पूरा बदन सिहर उठा।

खामोश रात में हम दोनों की आवाज जैसे समंदर में लहरें मचलती है और समंदर उन्हें अपने में समेट लेता है।

नील की बाहों में मैंने खुद को निढाल छोड़ दिया मुझे कब नींद लगी होश नहीं..।

दरवाजे की आहट से सुबह मेरी नींद खुली। पूरा बदन बुरी तरह से टूट रहा था उठने की कोशिश की पर दिल नहीं किया।

नील शायद बाथरूम में होगा सोचकर मैं ओढ़कर फिर सो गई।

नील के ठंडे ठंडे हाथ मैंने अपने चेहरे पर महसूस किए न चाहते हुए भी उठकर बैठ गई मैं।

"कॉफी लोगी या चाय ?"

"चाय"

नलिनी उठकर बाथरूम मैं गई और नहाकर तैयार हो गई तब तक चाय और टोस्ट आ गए थे रात की खुमारी उतरी नहीं थी।

नलिनी का मन बाहर जाने का नहीं था वो कुछ देर सो जाना चाहती थी। आज का दिन ही था साथ में उन दोनों के पास और उस रात जो बात अधूरी रह गई थी नलिनी को उसे भी सुनना था उसने नील को सोने की बात पर राजी कर लिया।

नींद तो नील की भी पूरी नहीं हुई थी। नलिनी के सोने के बाद नील देर तक उसे देखता रहा कि वो कितनी निश्चिंत होकर नील के हाथ पर सो रही है। उसकी नींद न टूट जाए इस डर से नील जैसे था वेसा ही सो गया था। "नींद तो नील की भी पूरी नहीं हुई थी। उसकी भी पलकें बोझिल सी थी।" उन्होने चाय खत्म की और ब्रेकफास्ट ऑर्डर कर दिया लंच के जैसे ही दोनों ने ब्रेकफास्ट किया।

और बेड पर पसर गए।

"सुनो। क्या?" "तुम अपनी शादी की बात बता रहे थे नील आगे क्या हुआ..?" बताओ ना नील.. प्लीज।

" अभी नहीं। "

मूड खराब मत करो यार प्लीज।

किसी और दिन सब बताऊंगा।

"अभी सिर्फ तुम्हें प्यार करने दो।"

नलिनी को अपनी और खींचते हुए नील बोला।

उसके बालों की लटों को अपनी उँगलियों से सहलाते हुए नील उसके होंठों को उंगली से सहलाने लगा नलिनी का पूरा बदन लरज गया जैसे सर्दियों में ठंडी हवा के झोंके से पूरे बदन में सरसरी सी होकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वो नील से किसी बेल सी लिपट गई।

मोबाइल फोन की रिंग से नील की नींद खुल गई उसने देखा नलिनी गहरी नींद में थी।

चीया कॉल पर थी.. "हैलो। नील बोला।" "क्या बात है.. अभी कॉल क्यूँ किया तुमने.?" कल तो घर आ ही रहा हूँ मैं।

नील मुझे अपने घर जाना है माँ की तबीयत ठीक नहीं है उनकी शुगर बहुत ज्यादा बढ़ी हुई है और पापा अकेले संभाल नहीं पाएंगे।

पर अंश को कैसे संभालोगी तुम?

अभी वो तुम्हारे बिना रह भी नहीं पाता है।

तुम फ़िक्र नहीं करो मैं अंश का ख्याल रख लूँगी।

"ठीक है, तुम जाओ पर अंश की जरूरत की चीजें और उसकी दवाइयाँ साथ रख लेना।

और माँ की माईग्रेन की दवा उन्हें बता कर रखना। नील की आवाज़ से नलिनी की नींद खुल गई थी।

क्या हुआ नील?

नलिनी चीया की माँ बीमार हैं उनकी शुगर बढ़ी हुई है इस वजह से वो अपने घर जा रही है। अब नील को माँ की चिंता सता रही थी।

जबसे अंश हुआ माँ अपनी सारी तकलीफें भूल गयीं थी।

पापा से डिवोर्स के बाद से उन्हें माईग्रेन की प्रॉब्लम हो गई थी कभी कभी उनका दर्द बहुत बढ़ जाता था तब डॉक्टर उन्हें नींद का इंजेक्शन देता तब कहीं जाके वो सो पाती थी।

अब वो घर पर अकेले रहेंगी तो पता नहीं क्या क्या सोचेंगी।

अंश के जन्म के बाद से माँ ने ऑफिस जाना छोड़ दिया था।

जो प्यार और वक़्त वो मुझे देना चाहती थी वो अंश को मिल रहा है।

"बहुत लकी है अंश।" नील बोला।

तुम चिंता नहीं करो नील सब ठीक होगा।

एक बार माँ को कॉल कर लो तुम, कल तो हम पहुंच ही जाएंगे।

"हाँ, ये सही रहेगा।"

"माँ, हाँ बेटा बोलो"

माँ, चीया अपने घर जाने का बोल रही है उसकी मां बीमार है।

तुम बेफिक्र रहो। यहाँ सब हम देख लेंगे।

तुम अपना काम खत्म कर के आओ।

"हाँ, माँ नील बोला।

शाम होने आई थी नलिनी ने बिखरा हुआ सामान करीने से रखने लगी..।


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