I love to write
आज बेटे की नज़रों में शर्म नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और प्यार था आज बेटे की नज़रों में शर्म नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और प्यार था
लाख बुराइयाँ होने के बाद भी किसी की सहमति के बगैर उसे छूना, उसको नहीं ही भाता था। लाख बुराइयाँ होने के बाद भी किसी की सहमति के बगैर उसे छूना, उसको नहीं ही भाता था...
ज़ैरन अपने खून लगे मुँह से अब अपने पंजों को चाट रहा था। ज़ैरन अपने खून लगे मुँह से अब अपने पंजों को चाट रहा था।
मैं चारों और देखने की कोशिश कर रहा था कि मैं कहाँ आ गया हूँ। मैं चारों और देखने की कोशिश कर रहा था कि मैं कहाँ आ गया हूँ।
वो बस आँखों से ही उसे धिक्कारती निकल गई थी वहाँ से। वो बस आँखों से ही उसे धिक्कारती निकल गई थी वहाँ से।
अपने दृढ़ हौंसले के दम पर आज आख़िरकार पूरा कर ही लिया था। अपने दृढ़ हौंसले के दम पर आज आख़िरकार पूरा कर ही लिया था।
मुस्कुराता हुआ मैं उनकी टोली में शामिल हो गया और हँसी की आवाज़ें और तेज़ हो गईं। मुस्कुराता हुआ मैं उनकी टोली में शामिल हो गया और हँसी की आवाज़ें और तेज़ हो गईं।
उसकी आँखें खुली तो बस इतना ही कह पाया था मैं,"तुम जानती थीं न?" उसकी आँखें खुली तो बस इतना ही कह पाया था मैं,"तुम जानती थीं न?"
दरवाजे को दीवार से पटकती वो एक आंधी की तरह बाहर निकल गई। दरवाजे को दीवार से पटकती वो एक आंधी की तरह बाहर निकल गई।
हाथों में नींद की गोलियाँ और मन में तूफान लिए वो किचन में चली आई। हाथों में नींद की गोलियाँ और मन में तूफान लिए वो किचन में चली आई।