उसकी ग़लती थी!
उसकी ग़लती थी!


वो शहर का बड़ा सा ज़ू था। सैंकड़ों की संख्या में उसमें दर्शक अपने प्राकृतिक जीवन से उखाड़ कर उस अप्राकृतिक जीवन में बसाए गए जंगली जीवों को देखने आते थे।
एक संतुष्टि पाने कि मानव ने कितनी तरक्की कर ली है, एक जानवर को प्रशिक्षित कर उन मानवों के बीच रहने लायक बना दिया गया था।
आज ज़ैरेन(टाइगर) को विशेष रूप से तैयार किया गया था क्योंकि वो आज का विशेष आकर्षण था। उसे कुछ समय पहले ही इस ज़ू में लाया गया था और वो टाइगर की विलुप्त होती प्रजाति का प्राणी था।
शहर के दूसरे कोने में स्थित वो एक बड़ा सा बंगला था,जिसमें आज सुबह से चहल पहल थी। उस बंगले के मालिक स्टीफ़न का भांजा और भांजी, मार्क और एना, आज उससे मिलने आये हुए थे और पिछले दो घंटों से उसके कान खा रहे थे कि वो उन्हें शहर के दूसरे कोने में स्थित ज़ू लेकर चले और वो बहुत थका हुआ होने के कारण आनाकानी कर रहा था जिसपर बच्चे उसकी पत्नी मर्लिन को घेरे खड़े थे कि वो स्टीफ़न को मनाए।
हारकर मर्लिन ने स्टीफ़न को लगभग आदेश दे दिया था कि वो मार्क और एना को ज़ू ज़रूर लेकर जाए।
पत्नी आदेश, परम आदेश ! स्टीफ़न ज़ू जाने के लिए आख़िर तैयार हो गया था।
वो ज़ैरन के लिए बनी खुली,बिना छत की, कमरानुमा जगह( बाड़ा) के चारों तरफ लगी रेलिंग के पास खड़े थे। मार्क बहुत उत्सुक था ज़ैरन के फोटोज लेने के लिए। वो चुटकी बजा बजाकर उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा था और सीटी बजाकर भी उसका ध्यान पाना चाह रहा था लेकिन ज़ैरन उसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा था जिसके कारण वो उसकी एक भी मनचाही फ़ोटो खींच नहीं सका था।
हारकर वो निराश सा अपने मामा स्टीफ़न की ओर देखने लगा।
कुछ सोचकर स्टीफ़न ने रेलिंग के चारों ओर लगे फैंसी पत्थरों में से एक पत्थर उठाया और ज़ैरन पर दे मारा।
निशाना बिल्कुल सटीक लगा और वो पत्थर सीधा ज़ैरन के पैरों पर जाकर लगा।
बिलबिलाकर वो पलटा तो एक और उछाला गया पत्थर उसके मुँह पर जाकर लगा। जिससे कि उसकी दिशा मार्क की ओर हो गई और मार्क ने मनचाही कई तस्वीरें उतार लीं। और एना भी खिलखिला उठी।
पास खड़ी एक महिला ने जब ये नज़ारा देखा तो उसने गुस्से में आकर स्टीफ़न से कहा,"ये कोई तरीका नहीं है एक निरीह जानवर को परेशान करने का। आप यहाँ उसे देखने आए हैं और आपका फ़र्ज़ यही है कि आप उसे परेशान करने की बजाय चुपचाप देखें।"
स्टीफ़न को उनकी बात सुनकर गुस्सा आ गया और उसने उनकी तरफ़ उँगली का इशारा करते हुए कहा,"यू ओल्ड लेडी ! प्लीज़ माइंड योर ओन बिज़नेस।"
उसकी बात सुनकर वो औरत वापिस अपनी दिशा में मुड़ गई और स्टीफन मार्क और एना को लेकर रेलिंग के दूसरी तरफ़ आ गया।
कुछ लम्हों बाद स्टीफन मार्क को एना का ध्यान रखने का बोलकर टॉयलेट की ओर मुड़ गया।
टॉयलेट में अचानक उसे अफरा तफरी की आवाज़ें सुनाई दीं। वो दौड़कर बाहर आया तो सभी लोग ज़ैरन के बाड़े से दूसरी दिशा में भागते नज़र आए और वो कुछ न समझ पाने की स्थिति में सभी से पूछता रह गया कि क्या हुआ?
स्टीफ़न हाँफ रहा था, उसके कदम भारी हो चुके थे लेकिन उसे दौड़ना था वरना उसके रुके कदम उसके आख़िरी कदम हो सकते थे।
टॉयलेट से बाहर आने पर ज़ैरन स्टीफ़न के ठीक पीछे खड़ा था। बदहवास सा वो सबसे पूछ ही रहा था कि वो लोग क्यों भाग रहे हैं जब उसे ज़ैरन के ज़ोर से सांस लेने की आवाज़ सुनाई दी। वो पलटा और उसके पैर वहीं जम गए।
उसने दो पल की जड़ता के बाद होश संभाला और तुरंत ज़ू के हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन मिला दिया।
अपनी स्थिति से उन्हें अवगत कराते हुए उसने उन्हें ज़ैरन के ठीक उसके सामने होने की ख़बर दी तो हेड क्वार्टर से तुरंत कुछ गार्ड्स को उसकी सहायता के लिए रवाना कर दिया गया।
दूसरी तरफ़ सीसीटीवी कैमरा से ज़ैरन के बाड़े से बाहर आने की क्लिप देखते ही कुछ सुरक्षाकर्मी तभी अपनी जगह से बाड़े की ओर बढ़ चुके थे।
स्टीफ़न भागते भागते थक चुका था लेकिन उसने हार नहीं मानी थी। दौड़ते दौड़ते वो एक और बाड़े के पास पहुँच गया जो कि उसे फ़िलहाल खाली नज़र आ रहा था। उसने उसकी रेलिंग पर चढ़कर झट अंदर छलांग मार दी।
ज़ैरन बाहर खड़ा गुर्रा रहा था और अंदर स्टीफ़न हेड क्वार्टर्स को अपनी वर्तमान स्थिति से अवगत करा रहा था।
लगभग 10 मिनट बीत चुके थे, स्टीफ़न अब भी फ़ोन पर था। फोन पर दूसरी तरफ़ एक अधिकारी स्टीफ़न को सुरक्षाकर्मियों की स्थिति से वाकिफ़ करा रही थी। बस कुछ देर और ! फिर वो यहाँ से बाहर होगा। सोचकर उसके मन में एक आस बंध गई थी।
अधिकारी ने उससे पूछा कि क्या उसे ज़ैरन दिखाई पड़ रहा है?
स्टीफ़न ने न में जवाब दिया और फिर अचानक उसके पीछे हलचल हुई।
कुछ सुरक्षाकर्मी हाथों में बंदूक थामे ज़ैरन पर निशाना थामे खड़े थे। उनकी उँगली ट्रिगर पर थी और नज़रें ज़ैरन के मुँह पर, जिसमें स्टीफ़न की टाँग फँसी थी। उनके कान बस उनके अधिकारी के ज़ैरन को शूट करने के आदेश का इंतेज़ार कर रहे थे और फिर चंद सेकंड में ज़ैरन ज़मीन पर पड़ा तड़पता उन्हें दिखाई पड़ रहा होगा !
इस उम्मीद में कि शायद स्टीफ़न ज़िंदा हो, वहाँ मौजूद एक अधिकारी ने ज़ैरन को शूट करने का आदेश देने के लिए अपना माइक उठाया ही था कि उसकी जेब में पड़ा फ़ोन घड़घड़ा उठा।
"हेलो, यस शीन !" अधिकारी ने कहा।
"हेलो माइक, वहाँ की क्या स्थिति है?" शीन ने कहा।
"शीन हम बस ज़ैरन पर निशाना साधे हैं, मेरे एक गो पर वो ज़मीन पर होगा।" माइक ने कहा।
"नहीं ! स्टॉप। तुम उसे नहीं मारोगे।"
"पर शीन !"
"ये मेरे ऑर्डर्स हैं माइक। तुम सब तुरंत वहाँ से निकलो। और जल्द से जल्द पूरा ज़ू खाली करा दो। मैंने ज़ैरन के ट्रेनर को फोन कर दिया है, वो बस चंद घंटों में यहाँ होगा। तब तक ज़ैरन को खुला छोड़ दो और ज़ू का मेंन गेट बंद करके बाहर आ जाओ। मैंने बाकी सभी बाड़े बन्द हैं, ऐसा कन्फर्म कर लिया है।" शीन ने कहा।
"पर शीन, उसने शायद एक आदमी को मार दिया है।" माइक ने कहा।
"उसकी ग़लती थी !" शीन ने बोलकर फ़ोन काट दिया।
शीन के ऑर्डर्स पर सभी सुरक्षाकर्मियों ने वो जगह छोड़ दी।
माइक सबसे पीछे था और उसने आख़िरी बार स्टीफ़न की ज़ोर की आवाज़ सुनी।
उसके कानों के दूसरी तरफ़ से एक आवाज़ टकरा गई,"उसकी ग़लती थी।"
उसने अपना मन कड़ा किया और वहाँ मौजूद सभी को लेकर बाहर आ गया।
ज़ैरन अपने खून लगे मुँह से अब अपने पंजों को चाट रहा था।