22 वर्षों से अध्यापन कार्य, 23 वर्षों से लेखन कार्य, कवि, कहानीकार, नज़्मकार, ग़ज़लकार। प्रसून पंखी, बाअदब, धूप और बारिश, आखर आखर रेत - चार पुस्तकें प्रकाशित. सम्प्रति बिहार सरकार शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षक, संस्कृत
अब मैं लालची साथियों के साथ उस घर में था जो मेरे दुश्मन का था। अब मैं लालची साथियों के साथ उस घर में था जो मेरे दुश्मन का था।
बाबा के बारे में कुछ बातें जैसे उनके कार्यों में चमत्कार इत्यादि कुछ जानना चाहता हूँ बाबा के बारे में कुछ बातें जैसे उनके कार्यों में चमत्कार इत्यादि कुछ जानना चाहता...
चाचा की आँखों से आँसू बेज़ार बाहर आने लगे चाचा की आँखों से आँसू बेज़ार बाहर आने लगे
किसी के गमछे लहराते नहीं दिख पड़ रहे, न किसी के आँचल ही इठला रहे हैं। किसी के गमछे लहराते नहीं दिख पड़ रहे, न किसी के आँचल ही इठला रहे हैं।
बस, वह समझ ही गया है कि सोनार ने उसे धोखा दिया है। बस, वह समझ ही गया है कि सोनार ने उसे धोखा दिया है।
संध्या थी, सूरज था, होठों से कपोलों तक उठने वाली लाली थी। संध्या थी, सूरज था, होठों से कपोलों तक उठने वाली लाली थी।
द्रोण का रथ भी बड़ी तेजी से, साथ दौड़ रहा था द्रोण का रथ भी बड़ी तेजी से, साथ दौड़ रहा था
वह युग परिवर्तन की योजना बनाने लगा। वह युग परिवर्तन की योजना बनाने लगा।
छिटपुट बेतरतीब दाढ़ी में वो शक्ति भर ली थी जिसे संसार ‘महात्मा’ कहता है। छिटपुट बेतरतीब दाढ़ी में वो शक्ति भर ली थी जिसे संसार ‘महात्मा’ कहता है।
रास्ते में ठंड से काँपती हुई बिल्ली का एक निरीह बच्चा दीख पड़ा। रास्ते में ठंड से काँपती हुई बिल्ली का एक निरीह बच्चा दीख पड़ा।