हँसते मुस्काते चेहरे बच्चो के हो जायेंगे उस दिन सचमुच धरती माँ अपनी स्वर्ग रूप हो जाएगी
वक्त के साथ जाने कब पति पत्नी एक दूजे की तरह सोचने लगते और इस बदलाव को कभी सहज हो कभी अस्चर्य से अपनाते शादी के ३५ साल ब...
आज जब उसे मेरी जरूरत है, मुझे भी तो उसकी जरूरत है ! भला कब तक मैं यहां पर अकेला पड़ा रहूंगा ?
उस शख़्स ने अपने पोते के जूते की चमक को और चमकाने के लिए अपनी चप्पल में जो टांका लगवाया है वो मुझे दिख गया है।
"सर, आदेश मिलते ही हम ने अब्दुल चाचा को गिरफ़्तार तो कर लिया और टी वी पर समाचार भी आ गया कि धर्म विवाद को भड़काने का आरोप...
बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाकर, इंकलाब लाना ही होगा
किन्तु 4 मंजिल की दूरी तय कर सके ऐसी सीढ़ी न बना सके।
आज पलकों की जिद भी अजीब थी ,आंशुओं को रास्ता देने से मना कर दिया फिर से ,उनको को रास्ता ही नहीं मिल रहा था अपने रास्ते ...
" दिवाली पर अखिलेश (अम्मा का लड़का ) ने इस लड़के से उधार पर पंद्रह हजार की रकम ली थी ,अब यह लड़का गजानन अपनी रकम वापस चा...
चांदी बहुमूल्य पत्थर बिखेरे जाएं' और मेरी तीसरी और आखिरी इच्छा है कि 'मेरे दोनों हाथ ता
नन्हे -नन्हे हाथों को थाम, लिखना पढना सिखाया कर मज़बूत परों को हौंसलो से उड़ना सिखाया बेसहारा-असहाय लाचार थी मैं किसी ...
तेरी आगे की पढाई अब पत्राचार से ही होगी
मिट्टी के है हम और तुम, एक रोज़ मिट्टी में ही मिल जायेंगे।
तुमको नहीं लगता आज सर्दी बहुत ज्यादा है , ऐसा लग रहा मानो गरम हवाएं उदास सी हो गयी , चलो न एक एक चोकोबार खाते है और उन ग...
ये है भग्गू का डीलक्स रूम। सीढ़ी के नीचे बरसाती डाल कर बनाए गए इस मेक-शिफ्ट रूम को इस घर के बड़े भाई साहब ने ये नाम दिया ह...
प्रेम सिर्फ़ दो ज़िस्म नहीं,दो रूह का मिलन है। ...जिसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है। ....
मैं अपने पेंटिंग और लिखने के शौक़ को फिर से ज़िन्दा करूँगी , जो जीवन की आपाधापी में कहीं बहुत पीछे छूट गये थे ये कहते। ...
आज तो मेरे साथ मेरी कलम भी असमन्जस है.
जब तक हम सब बच्चे थे अक्ल में थोड़े कच्चे थे
इसी बीच रजनी के गले से फिर तेज चीख निकली। नर्स औऱ डॉक्टर रजनी की और दौड़े। रजनी को जोर से एक हिचकी आई और वह शांत हो गई। ...