This poem depicts the sentiments attatched of a person towards his home :) This poem depicts the sentiments attatched of a person towards his home :)
देर बाद मैंने देखा हमारी गाड़ी मंदिर के पास रुकी और वहांँ बहुत से भारतीय रंगों के साथ होली खेल रहे थ... देर बाद मैंने देखा हमारी गाड़ी मंदिर के पास रुकी और वहांँ बहुत से भारतीय रंगों क...
मेरे कपड़े आँसुओं से पूरे भीग चुके थे और मैं सोच रहा था कि उसका नाम ही "छोटू" था उसका काम तो बहुत बड़... मेरे कपड़े आँसुओं से पूरे भीग चुके थे और मैं सोच रहा था कि उसका नाम ही "छोटू" था...
निकल जा मेरे घर से लेकिन रुको जरा मेरे वक़्त की यात्रा करोगी .........! निकल जा मेरे घर से लेकिन रुको जरा मेरे वक़्त की यात्रा करोगी .........!
कुछ नहीं बिटिया , बस अपने करम का रोवत अही", काकी बोली । कुछ नहीं बिटिया , बस अपने करम का रोवत अही", काकी बोली ।
सच में आज संजू बहुत खुश लग रही थी.....मैंने आज पहली बार उसे इतना खुश देखा था। सच में आज संजू बहुत खुश लग रही थी.....मैंने आज पहली बार उसे इतना खुश देखा था।