Sunny Lakhiwal

Inspirational

2.1  

Sunny Lakhiwal

Inspirational

छोटू

छोटू

3 mins
1.7K


मैं छुट्टी पर घर आ रहा था, तभी अचानक मैंने देखा कि कुछ लोग एक बारह-तेरह साल के बच्चे को मार रहे थे। मैं उनके पास गया और बच्चे को उनसे छुड़ाकर उन लोगो से पीटने का कारण पूछा तो उन्होने कहा कि इस बच्चे ने हमारी दुकान से बिस्किट चुराकर खाये हैं।

मैंने दुकानदार को बिस्किट का दौगुना दाम देकर बच्चे को उनसे अलग लाया। मैंने बच्चे को पूछा कि तुमने चोरी क्यो की है, तो उसने कहा- साहब मैंने चोरी नहीं की, मैं कल से भूखा था और भोजन की तलाश में इधर घूम रहा था कि अचानक मेरी नजर दुकान के पास पड़े बिस्किट के पैकेट पर पड़ी जिसे एक कुत्ता खाने की कोशिश कर रहा था।

मैं कुत्ते से छिनकर बिस्किट खाने लगा तो इन लोगों ने देखा और मुझे मारने लगे। फिर मैंने उसका नाम पूछा तो वह बोला- "छोटू।"

मैंने उसके माता-पिता के बारे में पूछा तो पता चला कि वह अनाथ है। वह काम की तलाश में भटक रहा हैं, मैं छोटू को अपने साथ अपने घर ले आया। मेरे घर में मेरी माँ ही थी क्योंकि बहनों की शादी हो चुकी थी और पिताजी कुछ वर्ष पहले ही गुजर चुके थे। छोटू के घर आने से माँ को भी काम में राहत मिली।

घर का छोटा-मोटा काम अब छोटू कर लेता था। मेरी छुट्टियाँ समाप्त और मैं ड्यूटी पर गया और छोटू को बोलकर गया कि अब वो माँ का ख्याल अच्छे से रखे। मैं वहा से रोज माँ व छोटू बात कर लेता, एक दिन माँ को अचानक दर्द हुआ तो छोटू ने माँ को डॉक्टर को दिखाया और जाँच के बाद डोक्टर ने छोटू से कहा कि इनकी दोनो किडनी खराब हो गयी हैं।

अब ये तभी जिन्दा रह सकती हैं जब इसे कोई अपने किडनी दान दे। छोटू ने बिना कुछ सोचे समझे अपनी किडनी माँ को डोनेट कर दी पर डोनेट करने से पहले छोटू ने यह कहा कि यदि माँ पूछे तो कह देना कि छोटू अपने गाँव लौट गया हैं। सुबह हुई तो माँ जिन्दा थी पर छोटू बहूत दूर जा चुका था। माँ ने डॉक्टर से छोटू के बारे पूछा तो उन्होने ऐसा ही कहा जैसा छोटू ने कहा था। मैंने रात को कॉल किया तो माँ ने बताया कि कल उसकी बहूत ज्यादा तबीयत खराब हो गयी थी और छोटू ने हॉस्पिटल से उसका ऑपरेशन करवाया है।

मैंने पूछा कि छोटू कहाँ है तो माँ ने कहा की वह अपने गाँव लौट गया है।

मुझे दाल में कुछ काला नजर आया और मैं छुट्टी लेकर गाँव चला आया। मैंने हॉस्पिटल जाकर पूछा कि माँ को क्या हुआ था और छोटू कहाँ गया तो एक डॉक्टर ने कहा- आपकी माँ की दोनों किडनी खराब हो गयी थी पर उस बच्चे ने अपनी जिन्दगी देकर आपकी माँ की जान बचा ली।

यह सुन मेरे तो होश उड़ चुके थे। मेरी आँखें खून के आँसू रो रही थी। इतने में एक डॉक्टर ने मुझे छोटू का एक अंतिम खत दिया जिस में लिखा था कि "मुझे पता हैं माँ के बगैर कैसे जीया जाता है। मेरी जिन्दगी पर आपके बहुत एहसान हैं। मैं खुश हूं कि मेरी जिन्दगी से आज कोई अनाथ होने से बच गया और इतने दिनों में मुझसे कुछ गलती हुई हो तो माफ कर देना...... अलविदा।"

मेरे कपड़े आँसुओं से पूरे भीग चुके थे और मैं सोच रहा था कि उसका नाम ही "छोटू" था उसका काम तो बहुत बड़ा था !


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational